दुद्धी।(भीमकुमार) क्षेत्र के ग्राम केवाल के प्रधान बोधाराम के पत्नी की गुरुवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। अस्पताल से पुलिस को मेमो न भेजने का फायदा उठा परिजन शव को लेकर चलते बने। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार की दोपहर 2 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में उल्टी करते 65 वर्षीय कौशिल्या देवी को लाया गया जहाँ ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ संजीव द्वारा प्राथमिक उपचार मुहैय्या करा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। मामला रहस्यमयी प्रतीत होने के बावजूद अस्पताल से कोई मेमो कोतवाली दुद्धी में नही भेजा गया। परिजनों द्वारा 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले जाते समय चोपन के करीब महिला की मौत गयी। नियमतः परिजन या एम्बुलेंस स्टाफ को चोपन सीएचसी ले जाना चाहिए था, वहां चिकित्सक द्वारा जांच के उपरांत महिला को मृत घोषित किया जाता। चिकित्सक मामला संदिग्ध देखता तो चोपन पुलिस को मेमो भेजता। मगर ऐसा कुछ नही हुआ। महिला को मरा देख परिजन एम्बुलेंस घुमवाकर दुद्धी सीएचसी लाये। दुद्धी सीएचसी में वापस आने के बाद न तो एम्बुलेंस स्टाफ और न ही परिजनों द्वारा चिकित्सक को मरीज के मरने की कोई सूचना दी गई। परिजन शव को निजी वाहन से लेकर चलते बने। केवाल गाँव के लोगों ने बताया कि ग्राम प्रधान और उनकी पत्नी से अक्सर पारिवारिक बात को लेकर विवाद होता रहता था। गुरुवार की सुबह प्रधान ने उसे मारा भी था। इसी से छुब्ध होकर उसने घर में कृषि कार्य हेतु रखी कीटनाशक दवा पी ली। थोड़ी देर बाद उसे उल्टी होते देख परिजन सरकारी अस्पताल दुद्धी लाये थे।
सीएचसी दुद्धी के चिकित्साधिकारी डॉ संजीव ने बताया कि केवाल गांव की कौशिल्या देवी को उल्टी करने की हालत में लाया गया था। परिजनों द्वारा मक्खी मारने की दवा पीने की बात बताई गई थी । तत्काल प्राथमिक उपचार करा मरीज को जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया था। पुलिस को सूचना देने के लिए मेमो भी मैंने भर दिया था। अभी 2 दिन पहले ही मैं ज्वाईन किया हुँ। अस्पताल के कर्मचारियों को मैं अभी पहचानता भी नही हुँ। ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी द्वारा मेमो पुलिस तक पहुंचाया गया या नहीं इसकी जानकारी मुझे नही है।