स्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन के अवसर पर ‘‘बालिका सुरक्षा शपथ‘‘ ली जायेगी

बालकों तथा माता-पिता द्वारा बालिका सुरक्षा की जिम्मेदारी हेतुशपथ लिये जाने की नई परम्परा की शुरूआतलखनऊ।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल की छात्राओं को सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी देने के लिए मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन के पावन अवसर पर ‘‘बालिका सुरक्षा शपथ‘‘ लिए जाने का निर्णय लिया गया है ताकि समाज के सभी नागरिकों, विशेष रूप से लड़कों में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना जाग्रत हो। जहां एक ओर लड़के बालिकाओं की सुरक्षा और सम्मान हेतु जिम्मेदारी शपथ लेंगे, वहीं माता-पिता भी शपथ लेंगे कि वे बेटा और बेटी में भेदभाव नहीं करेंगे, उन्हें समान अवसर देंगे और अपने बेटों को अनुशासन में रखेंगे व उन्हें बचपन से ही नैतिक मूल्य सिखायेंगे।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने बताया कि बालकों और माता-पिताओं को संवेदनशील बनाये जाने हेतु 15 अगस्त, 2019 को स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन के पावन अवसर पर विद्यालयों, कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों पर ग्रामप्रधान एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वृक्षारोपण आदि के उपरान्त उपस्थित जन सामान्य द्वारा जिम्मेदारी शपथ ली जाएगी। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया सतत् रूप से चलती रहे, इसके दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन एवं गाँधी जयन्ती के पावन अवसर पर प्रदेश में नागरिकों द्वारा जिम्मेदारी की यह शपथ ग्रहण किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए हैं। स्कूलों, पंचायत घरों, सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में यह शपथ ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त स्कूलों में हर अभिभावक- अध्यापक सभा के दिन भी यह शपथ ग्रहण की जायेगी। साथ ही साथ, सप्ताह में एक दिन निर्धारित कर विद्यालयों में होने वाली प्रातः कालीन प्रार्थना सभा में भी महिलाओं/बालिकाओं के सम्मान एवं सुरक्षा पर चर्चा की जायेगी।
़प्रमुख सचिव ने कहा कि भारत में महिलाओं के सम्मान की अत्यंत समृद्ध परंपरा रही है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बालकों एवं पुरूषों को व्यवहार परिवर्तन के मौके देने की यह प्रथा सराहनीय है ताकि देश लैंगिक समानता की ओर समग्र दृष्टिकोण के साथ बढ़ सके। आज इस बात की आवश्यकता है कि प्रत्येक व्यक्ति यानि प्रत्येक बालक, प्रत्येक पुरूष, प्रत्येक माँ, प्रत्येक पिता, प्रत्येक परिवार लड़कियों के प्रति अपने दायित्वों को प्रतिबद्धता से निभाए। यदि प्रदेश का हर बालक और हर माता-पिता इस बात की शपथ ले कि वह महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा के विरूद्ध है, तो निश्चय ही अपराध के ग्राफ में गिरावट आयेगी।
श्रीमती गर्ग ने कहा कि बेटियों के सुरक्षित वर्तमान और खुशहाल एवं प्रगतिशील भविष्य के लिये मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में उत्तर प्रदेश सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। बालिकाओं की सुरक्षा के लिये बने नियम कानूनों, उनके विकास एवं कल्याण के लिये संचालित सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिये चलाये जा रहे जागरूकता अभियान मंजिल तक पहुँचने का एक जरिया है। कन्या सुमंगला तथा सक्षम बालिका-सम्पन्न परिवार जैसी योजनायें लड़कियों की शिक्षा और विकास के लिये प्रदेश के अभिनव कदम हैं।स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन के अवसर पर ली जानेवाली ‘‘बालिका सुरक्षा शपथ‘‘ का प्रारूप-बालकों हेतु जिम्मेदारीबालिका सुरक्षा शपथभारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में
मैं शपथ लेता हूँ कि
सदैव बालिकाओं व महिलाओं का सम्मान करूंगा
और उनके अधिकारों की सुरक्षा करूंगा।
मैं प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से
अपने कृत्यों,
शब्दों,
तथा कर्मों से
किसी बालिका या महिला के अधिकारों एवं मर्यादा
का हनन नहीं होने दूंगा।
मैं शपथ लेता हूं कि
मैं बालिकाआंे व महिलाओं को
उनके विकास के लिये
समान अवसर प्रदान करने में
अपना पूरा योगदान दूंगा।
। जय हिन्द।
माताओं हेतु जिम्मेदारी शपथ
भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में
मैं शपथ लेती हू कि
मैं अपने बेटे और बेटी में
किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करूंगी।
मैं अपने बच्चों को बचपन से ही
जीवन के नैतिक मूल्य सिखाऊंगी और
उन्हें सही और गलत का भेद बताऊंगी।
जिस प्रकार मैं अपनी बेटी को स्वयं की सुरक्षा के लिए
ध्यान रखने को कहती हूँ,
उसी प्रकार मैं अपने बेटे को अनुशासन में रखते हुये
उसकी भी दैनिक गतिविधियों का पूरा ध्यान रखूँगी।
। जय हिन्द।पिताओं हेतु जिम्मेदारी शपथ
भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में
मैं शपथ लेता हूँ कि
मैं अपने बेटे और बेटी में
किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करूंगा।
मैं अपने बच्चों को बचपन से ही
जीवन के नैतिक मूल्य सिखाऊंगा और
उन्हें सही और गलत का भेद बताऊंगा।
जिस प्रकार मैं अपनी बेटी को स्वयं की सुरक्षा के लिए ध्यान रखने को
कहता हूँ
उसी प्रकार मैं अपने बेटे को अनुशासन में रखते हुये
उसकी भी दैनिक गतिविधियों का पूरा ध्यान रखूँगा।
। जय हिन्द।

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