श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत व कृष्ण पूजा करके हर मनोकामना पूरी हो जाती है।

धर्म डेस्क।भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को हुआ था, इस कारण इस दिन को कृष्ण जन्म की अष्टमी कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है, भगवान कृष्ण का जन्म रोहणी नक्षत्र पर हुआ था, इस कारण भगवान कृष्ण के जन्म में रोहिणी नक्षत्र का बहुत ध्यान रखा जाता है

इस दिन की गई भगवान कृष्ण की पूजा संतान प्राप्ति, आयु समृद्धि प्रदान करते हैं, श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत व कृष्ण पूजा करके हर मनोकामना पूरी हो जाती है

अगर आपका चंद्र कमजोर है, मानसिक चिंता से ग्रस्त हैं ,तो विशेष पूजा से चंद्र का शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं, जन्माष्टमी पर कृष्ण की विशेष फोटो लाकर विशेष कामना द्वारा विशेष रूप से कृष्ण की पूजा व स्थापना की जाती है

श्री कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 23 अगस्त 2019

दिन:- शुक्रवार

तिथि:- अष्टमी

नक्षत्र:- कृतिका 12:07 तक तदुपरांत रोहणी

जन्म समयः 12:08 से 12:25 तक

भगवान श्री कृष्ण के फोटो का विशेष प्रयोग

संतान प्राप्ति या संतान समस्या:-जन्माष्टमी पर यदि आपको संतान प्राप्ति की प्राप्ति नही हो रही या संतान से सम्बन्धित कोई समस्या चल रहे है तो आप बालकृष्ण की फोटो की स्थापना या पूजा करें..

प्रेम व दांपत्य जीवन:-यदि आपके प्रेम और दांपत्य जीवन में कोई समस्या है तो आप राधा कृष्ण की संयुक्त फोटो की स्थापना पूजा करें–व हर शुक्रवार कृष्ण को गुलाब का इत्र व गुलाब की सुगंध का धूप जलाकर मधुराष्टकम का पाठ करे।

सभी मनोकामना हेतु:- सभी मनोकामना के लिये आप बंसी बजाते हुए भगवान कृष्ण की फोटो की स्थापना व पूजा करें

जन्माष्टमी के दिन शंख व शालिग्राम की स्थापना करें नियमित रूप से पूजा उपासना करने से जीवन की मुश्किलें दूर हो जाती है, शंखनाद से घर के निगेटविटी भी कम होते हैं ..

पूजा विधि:- सुबह स्नान कर सबसे पहले

व्रत व पूजा का संकल्प लें, संकल्प में आप कोई भी मनोकामना रख सकते हैं, दिनभर फलाहार या जलाहार ग्रहण करें पूरे दिन सात्विक रहें..

मध्यरात्रि को कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखकर पहले दूध, फिर दही,शहद शक्कर घी,और अंत में गंगाजल से स्नान कराएं तत्पश्चात भगवान कृष्ण को पोंछकर पीताम्बर पीला वस्त्र, पीला पुष्प व प्रसाद अर्पण करे..

पंचामृत की समस्त सामग्री शंख द्वारा ही अर्पण करें तो बहुत ज्यादा शुभ होगा, पूजा करते समय काले या सफेद वस्त्र धारण करें इस पंचामृत को आप तुलसी दल डालकर प्रसाद के रूप में लें और भगवान से अपनी मनोकामना हेतु प्रार्थना करें..

इसके बाद अपनी मनोकामना के अनुसार मंत्र का जाप करें मंत्र विशेष-

ऊँ क्लीं कृष्णाय नमः

क्लीं कृष्ण क्लीं

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का पूरी रात जाप करें

श्रृगार:- जन्म के बाद भगवान को पंचामृत से नहला कर पोंछकर पीले फूलों से श्रृंगार करें पीले वस्त्र, गोपी चंदन, वैजयंती माला के पुष्प अर्पण करें इससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं..

भोग:- माखन, मिश्री, पंचामृत, तुलसी पत्र गंगाजल ,मेवा ,धनिए की पंजीरी अर्पण करें सात्विक भोजन बनाकर भी भगवान कृष्ण को अर्पण करें, जन्म के बाद भोग को प्रसाद के रूप ग्रहण करें..

एस्ट्रोलॉजर आचार्य राज पा

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