सोनभद्र।आज भारतीय युवा कांग्रेस के लोक सभा रॉबर्ट्सगंज अध्यक्ष आशुतोष कुमार दुबे(आशु) के नेतृत्व में युवाओ ने बढ़ौली चौराहे पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर एक बार फिर सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दिया । लोक सभा यूथ अध्यक्ष आशु दुबे ने कहा कि सोनिया गांधी 1998 में कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गयीं।
सोनिया गांधी अक्टूबर 1999 में बेल्लारी, कर्नाटक से और साथ ही अपने दिवंगत पति के निर्वाचन क्षेत्र अमेठी, उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए चुनाव लड़ीं और करीब तीन लाख वोटों की विशाल बढ़त से विजयी हुईं।
1999 में 13वीं लोक सभा में वे विपक्ष की नेता चुनी गईं।2004 के चुनाव से सोनिया ने देश भर में घूमकर खूब प्रचार किया और सब को चौंका देने वाले नतीजों में यूपीए को 200 से ज़्यादा सीटें मिली। सोनिया गांधी स्वयं रायबरेली, उत्तर प्रदेश से सांसद चुनी गईं। वामपंथी दलों ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिये कांग्रेस और सहयोगी दलों की सरकार का समर्थन करने का फ़ैसला किया ।जिससे कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों का स्पष्ट बहुमत पूरा हुआ। 16 मई 2004 को सोनिया गांधी 16-दलीय गंठबंधन की नेता चुनी गईं ।
सबको अपेक्षा थी की सोनिया गांधी ही प्रधानमंत्री बनेंगी और सबने उनका समर्थन किया। परंतु एन डी ए के नेताओं ने सोनिया गांधी के विदेशी मूल पर आक्षेप लगाए। सुषमा स्वराज और उमा भारती ने घोषणा की कि यदि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनीं तो वे अपना सिर मुँडवा लेंगीं और भूमि पर ही सोयेंगीं। १८ मई को उन्होने मनमोहन सिंह को अपना उम्मीदवार बताया और पार्टी को उनका समर्थन करने का अनुरोध किया और प्रचारित किया कि सोनिया गांधी ने स्वेच्छा से प्रधानमंत्री नहीं बनने की घोषणा की है। कांग्रेसियों ने इसका खूब विरोध किया और उनसे इस फ़ैसले को बदलने का अनुरोध किया पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनना उनका लक्ष्य कभी नहीं था। सब नेताओं ने मनमोहन सिंह का समर्थन किया और वे प्रधानमंत्री बने पर सोनिया को दल का तथा गठबंधन का अध्यक्ष चुना गया।
23 मई 2006 में वे रायबरेली, उत्तरप्रदेश से पुन: सांसद चुनी गईं और उन्होंने अपने समीपस्थ प्रतिद्वंदी को चार लाख से अधिक वोटों से हराया। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर यूपीए के लिए देश की जनता से वोट मांगा। एक बार फिर यूपीए ने जीत हासिल की और सोनिया यूपीए की अध्यक्ष चुनी गईं।
महात्मा गांधी की वर्षगांठ के दिन 2 अक्टूबर 2007 को सोनिया गांधी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को संबोधित किया। 10 अगस्त 2019 को उनको पुनः कांग्रेस पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चना गया। ये सब दरसाता ही कि सोनिया गांधी जी ने जीवन मे कितना संघर्ष किया है और सबको कैसे लेकर चलना है ।
मुख्य रूप से उपस्थित रहने वालों में लोक सभा उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा , कांग्रेस वरिष्ठ नेता संकर दूबे ,सीतल गौड़ ,विधान सभा रॉबर्ट्सगंज उपाध्यक्ष ओमकार पांडेय, श्रीकांत मिश्र , सरवन पांडेय , बृहस्पति भारती , कमरुद्दीन, शंकर , दीपू सोनकर, शिवम , अशोक, प्रदीप गुप्ता , रियाज़ भाई, सनी कुमार , उपस्थित रहे।