अंकिता सिंह इन दिनों पूरे देश खुब सुर्खियां बटौर रही हैं।
पेश है संजय द्विवेदी की खास रिपोर्ट
खास जानकारी अगले अंक में दिखेगा
लखनऊ।यूपी के सोनभद्र जनपद से एक राजनैतिक परिवार के फैमिली से तालुकात रखने वाली अंकिता सिंह इन दिनों पूरे देश खुब सुर्खियां बटौर रही हैं। अपने स्टेट की फीमेल बॉडी बिल्डर रह चुकी अंकिता की बॉडी देख अच्छे-अच्छे लोग कायल है।
अंकिता यूपी के छोटे से जिले सोनभद्र की रहनेवाली हैं। बॉडी बिल्डर और फिटनेस मॉडल होने के अलावा अंकिता सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल भी हैं। वे बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की जॉब करती हैं। अंकिता बचपन में अपने कजिन भाइयों के साथ कुश्ती लड़ती थीं। स्कूल के दिनों में उन्होंने कराटे और एरोबिक्स क्लासेज ज्वाइन की। बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान घर से दूर होने की वजह से अंकिता डिप्रेशन का शिकार हो गईं। इसी से लडऩे के लिए उन्होंने रेग्यूलर जिम में समय बिताना शुरू किया।
इंजीनियरिंग के साथ जिम को मैनेज करने के लिए उन्होंने टाइम मैनेजमेंट की कला सीखी। अंकिता एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। इसी वजह से उन्हें फिटनेस मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए काफी विरोध का सामना करना पड़ा। बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटीशन के दौरान कंटेस्टेंट्स को बिकिनी पहननी होती है, लेकिन यह इनके घरवालों के लिए किसी शॉक्ड से कम नहीं था। शुरुआत में तो फैमिली से उन्हें बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं मिला, लेकिन इससे घबराने के बजाए उन्होंने खुद को फिटनेस शेड्यूल में पूरी तरह से बिजी कर लिया।
अचीवमेंट्स–
-अंकिता सिंह उर्फ अंकिता एक्स्ट्रीम ने छठे विश्व बॉडी बिल्डिंग और फिजिक स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप (2014) में
-महिला फिटनेस फिजिक श्रेणी में 5 वां स्थान हासिल किया।
-वह 2015 की जेरैइ क्लासिक्स में शीर्ष पांच फाइनलिस्टों में से थीं।
2015 में अंकिता एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेने किर्गिस्तान पहुंचीं।
-2016 में, वह रायपुर में मिस इंडिया चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहीं।
-अंकिता सिंह 2017 IBBF मिस इंडिया बिकनी फिजिक में कांस्य पदक भी जीता है।
-अंकिता सिंह ने एक पेशेवर भारतीय महिला बॉडी बिल्डर के रूप में 13 बार राष्ट्रीय और दो बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा की है।
– बॉडी-बिल्डिंग के शौक के चलते अंकिता ने कई नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स में इंडिया को रिप्रेजेंट किया।
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– मेन्स हेल्थ मैगजीन ने उन्हें भारत की 5 सबसे फिट महिलाओं में चुना था।
– वे एमटीवी के फिटनेस चैलेंज की सेमी-फाइनलिस्ट रह चुकी हैं।
– इसके अलावा फिटनेस गुरु मैगजीन के विशेषांक की कवर गर्ल भी रह चुकी हैं।
-फिलहाल वे तीन मशहूर ब्रैंड की ब्रैंड एंबेस्डर भी हैं।
बॉयफ्रेंड ने तोड़ा दिल तो अंकिता सिंह बन गई बॉडी बिल्डर, आज हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी
कई बार जिंदगी में ऐसे इंसीडेंट होते हैं जो जिंदगी को बदलकर रख देते हैं। ऐसा ही एक इंसीडेंट उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद की अंकिता सिंह के साथ हुआ जिसने उन्हें इंटरनेशनल बॉडी बिल्डर बना दिया। प्यार में मिले धोखे के बाद अंकिता ने बॉडी बिल्डिंग में हाथ आजमाया और टॉप फिटनेस एंड मॉडल फिजीक बनीं। उन्हें स्वयसिद्ध अवॉर्ड से भी राजधानी लखनऊ में सम्मानित भी किया जा चुका है।सोर्स ऑफ पत्रिका।
फिटनेश के लिये टाइम मैनेजमेंट सबसे जरूरी
अंकिता के मुताबिक फिटनेस एंड मॉडल फिजीक बनाने के लिए टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है। इंजीनियरिंग के साथ जिम को मैनेज करने के लिए उन्होंने टाइम मैनेजमेंट की कला सीखी। वह रोजाना दो से तीन घंटा जिम करती हैं। ब्रेकफास्ट में संतुलित आहार का खास ध्यान ऱखती हैं। इसके अलावा चिकन भी काफी खाती हैं। सप्लीमेंट्स भी वह अपनी बॉडी के लिए लेती हैं।
परिवार ने पहले किया था विरोध
अंकिता को शुरुआत में बॉडी बिल्डिंग फील्ड में जाने को लेकर फैमिली ने विरोध किया था। दरअसल अंकिता एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दो बार एमएलसी रह चुके हैं। इसी वजह से उन्हें फिटनेस मॉडलिंग में करियर बनाने के लिए काफी विरोध सहना पड़ा। बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटीशन के दौरान कंटेस्टेंट्स को बिकिनी पहननी होती है। यह ड्रेस कोड उनके घरवालों और रिश्तेदारों के लिए बम फटने की तरह था। शुरुआत में तो फैमिली से उन्हें बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं मिला, लेकिन इससे घबराने के बजाए उन्होंने खुद को फिटनेस शेड्यूल में पूरी तरह से डुबो दिया।
यूपी के लड़कियों में प्रतिभा है बस उन्हें उकेरने की जरूरत है
अंकिता के मुताबिक यूपी की लड़कियों को बेहद टैलेंट है लेकिन उन्हें बढ़ावा नहीं मिलता। इतना ही नही अगर उन्हें सही तालीम दी जाय तो पूरे देश मे नाम रोशन करेगी।अंकिता के मुताबिक वे जल्द ही यूपी में अपना फिटनेस सेंटर खोलने का प्लान कर रही हैं। उनका कहना है कि लोगों को इस बात का बिलकुल अंदाजा नहीं कि फिट रहने के लिए प्रॉपर डाइट क्या होती है। इसके लिए गाइडेंस की बेहद जरूरत है।