अखिलेश के समर्थन में सडकों पर आये छात्र ,कहा यह तानाशाही नहीं चलेगी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में निवर्तमान उपाध्यक्ष के समर्थन में प्रदर्शन

-हस्ताक्षर अभियान चलाकर निलंबन वापसी की मांग

प्रयागराज।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक बार धरना प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान के जरिए छात्र संघ बनाम कुलपति की लड़ाई शुरू हो गई है। विवि के निवर्तमान उपाध्यक्ष अखिलेश यादव को वि वि प्रशासन ने निलंबित कर दिया है।साथ अखिलेश की डिग्री रद्द करने की भी तैयारी है। वहीं कैंपस में पदाधिकारी के निलंबन को लेकर विश्वविद्यालय का माहौल गर्म हो गया है।विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ भवन पर भले ही ताला लटका दिया है। लेकिन अखिलेश यादव के समर्थन में छात्रसंघ भवन के बाहर एक बार फिर छात्र नेताओं का जमघट और प्रदर्शन जारी है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने अखिलेश यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में कैंपस से निलंबित कर दिया है। अखिलेश यादव द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक बीते 27 जून को अखिलेश को कैंपस से निलंबित कर दिया गया 10 जुलाई को उन्होंने छात्रों की समस्याओं को लेकर डीएसडब्ल्यू से मुलाकात की उन्हें काली सूची में डाल दिया गया। अखिलेश का आरोप है की विश्वविद्यालय प्रशासन ने अखिलेश की सभी डिग्रियां रद्द करने की तैयारी में है। अखिलेश के निलंबन के बाद एनएसयूआई सहित विश्वविद्यालय के सभी छात्र नेता अखिलेश के समर्थन में उतर आए और छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारी सहित छात्र नेता धरने पर बैठे हैं। छात्र नेताओं का कहना है कि छात्र हितों की लड़ाई छात्र संघ के पदाधिकारी की का कर्तव्य है।अखिलेश यादव निर्दोष है और अखिलेश का निलंबन तत्काल वापस लिया जाए।

अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी फैसले ले रहा है। जिसने भी कुलपति के खिलाफ आवाज उठाई उसके साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने यही किया। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ,पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा,पूर्व उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को भी कैंपस से निलंबित किया गया। इन सभी छात्र नेताओं का कुसूर यही था कि उन सब ने कुलपति के मनमानी रवैया और तानाशाही पूर्ण निर्णयों का विरोध किया था। जिसके चलते उनको निलंबन की कार्यवाही का सामना करना पड़ा।

अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक पक्षीय निर्णय कर रहा है। उन्होंने कहा कुलपति से मैंने मिलने का समय मांगा जो मुझे नहीं दिया गया मेरे विश्वविद्यालय प्रवेश पर रोक लगा दी गई। अब मेरी डिग्री रद्द करने की साजिश रची जा रही है। बता दें की अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर चिट्ठी लिखी थी जो वायरल हुई थी जिसमें अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं गरीब किसान का बेटा हूं मेरे परिवार का सपना था जो कि मैं विश्वविद्यालय में पढ़ रहा हूं। कृपया विश्वविद्यालय प्रशासन में साथ डिग्री करने का खेल न खेले।

बता दें अखिलेश एनएसयूआई के पैनल से उपाध्यक्ष चुने गए थे।हालांकि अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का स्वरूप बदल दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र परिषद के गठन की घोषणा कर चुका है। जिसका विरोध लगातार जारी है।सत्संग भवन पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर छात्र नेताओं ने अखिलेश के निलंबन की वापसी की मांग की ।इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो विश्वविद्यालय के पीआरओ चितरंजन सिंह का फोन रिसीव नहीं हुआ।

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