लखनऊ।रामजन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई आज से शुरु हो गई है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे हैं। इस मामले पर सुनवाई हफ्ते में 3 बार होगी। इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं।
सबसे पहले मामले पर बहस करते हुए निर्मोही आखाड़ा के वकील की तरफ से कहा गया कि 1934 से ही किसी मुसलमान को राम जन्मस्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उस पर सिर्फ निर्मोही आखाड़ा का नियंत्रण था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को निर्मोही आखाड़ा का पक्ष रख रखे वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील जैन ने बताया कि वह क्षेत्र पर नियंत्रण और उसके प्रबंधन का अधिकार चाहते हैं।
आखाड़ा के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनका वाद मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन अधिकारों के बारे में है। वकील ने कहा, मैं एक पंजीकृत निकाय हूं। मेरा वाद मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन के अधिकारों के संबंध में हैं। साथ ही उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि सैकड़ों साल तक भीतरी परिसर और राम जन्मस्थान पर आखाड़ा का नियंत्रण था।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ को बताया, भीतरी परिसर और राम जन्मस्थान सैकड़ों साल से हमारे अधिकार क्षेत्र में था। बाहरी परिसर जिसमें सीता रसोई, चबूतरा, भंडार गृह हैं, वे हमारे नियंत्रण में थे और किसी मामले में उनपर कोई विवाद नहीं था। सुनवाई शुरू करते हुए शीर्ष अदालत ने मामले की कार्यवाही की रिकॉर्डिंग या सीधे प्रसारण की मांग वाली आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की अर्जी खारिज कर दी थी।