सोनभद्र के नरसंहार के मामले में रेणुका कुमार के जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के दूसरे दिन ही जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को हटा दिया गया।
लखनऊ, ।उत्तर प्रदेश को सुर्खियों में लाने वाले सोनभद्र के नरसंहार पर रिपोर्ट मिलने ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र के जिलाधिकारी के साथ एसपी का तबादला करने के साथ ही वहां पर चार्ज लेने वाले अधिकारियों को हेलिकॉप्टर से सोनभद्र भेजना कौतूहल का विषय बना हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र के डीएम और एसपी की विभागीय जाँच की घोषणा की।सोनभद्र जिले के घोरावल थाना इलाके के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को 10 लोगों की सामूहिक हत्या के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम अंकित अग्रवाल को हटा दिया है। अब एस राम लिंगम को सोनभद्र का नया जिलाधिकारी बनाया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस घटना में जो भी लोग जिम्मेदार हैं, अगर जीवित हैं तो सरकार उन पर भी कार्रवाई करेगी।जांच रिपोर्ट में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की गयीसोनभद्र जनपद के घोरावल थाना के उम्भा गावँ में जमीन विवाद में 10 लोगों की हत्या के बाद शासन से गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। समिति ने इस मामले में राजस्व, सहकारिता व पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कदम-दर-कदम मनमानी की पुष्टि की है। साथ ही विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले की विस्तृत जांच या अन्य उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की है।मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट को आवश्यक कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव गृह को दे दिया है। रिपोर्ट में सोनभद्र में जमीन हड़पने का पूरा खेल सरकारी तंत्र व प्रभावशाली नेताओं की मिलीभगत का नतीजा बताया गया है।सोनभद्र के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार के मामले में जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के दूसरे दिन ही जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को हटा दिया गया। उनकी जगह पर
डीएम एस रामालिंगम व नए पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी हेलीकाफ्टर से जिले में पहुंचे। यहां की विवादित जमीन को 2017 में बेचा गया। इसी के बाद खूनी संघर्ष नरसंहार में बदल गया। सोनभद्र के उम्भा ज़मीन विवाद में सभी दोषी अफसरों और कर्मचारियों पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश।सभी मुकदमों की विवेचना के लिये एसआइटी का गठन। डीआइजी जे रवींद्र गौड़ एसआइटी के मुखिया बनाए गए।सीएम योगी आदित्यनाथ सोनभद्र के नरसंहार को लेकर बेहद नाराज थे। इस मामले की जांच का आदेश देने के साथ ही सीएम ने मॉनिटरिंग भी की। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सोनभद्र के डीएम व एसपी को हटाने के साथ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।रेणुका कुमार की अगुवाई में एक हजार पन्नों की रिपोर्ट प्रेषितमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र कांड की जांच अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय टीम को सौंपी थी। टीम ने एक हजार पन्नों की रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है। सीएम योगी ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को जांच कमेटी की सिफारिशों पर जल्द अमल किए जाने का निर्देश दिया है। टीम ने राजस्व, सहकारिता और पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। सोनभद्र की 13 सहकारी समितियों पर भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इसके साथ ही 1989 में राबर्ट्सगंज के तहसीलदार, एसडीएम के खिलाफ खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक संस्पेंड करने के साथ इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।एफआईआरमौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक संस्पेंड करने के साथ इनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।डीएम एसएसपी, एक एडिशनल एसपी, 3 सीओ समेत 8 अफसरों को हटाया गया है। इसके अलावा नॉन गेस्टेड ऑफीसर में तीन इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, दो सिपाहियों 7 अफ़सर पर कार्यवाही की गई है।सोनभद्र और मिर्जापुर में एक लाख हेक्टेयर से अधिक की भूमि फ़र्ज़ी सोसाइटी गठित करके हड़पने का काम अधिकाँश कांग्रेस के समय हुआ है, जाँच समिति 3 महीने में अपनी रिपॉर्ट देगी, ipc की धाराओं में अवैध कब्जा में कार्यवाही करेगी।सीएम ने सोनभद्र मामले पर की सख्त कार्रवाई की है। यहां पर 1952 के बाद से अब तक तैनात रहे बहुत से दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इनके खिलाफ केस भी दर्ज होगा। पूर्व अधिकारी अगर जीवित हैं तो उन पर भी मुकदमा होगा। यहां पर गलत ढंग से जमीन अपने नाम कराने वाले दो पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी मुकदमा होगा।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिहार के कांग्रेसी नेता ने जमीन कब्जा की थी। मीरजापुर और सोनभद्र में फर्जी सोसाइटी बनाकर एक लाख हेक्टेयर जमीन कब्जाई गई है। इनमें अधिकतर कांग्रेसी नेता है। इसकी जांच के लिये प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अगुवाई में छह सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इनको तीन महीने में रिपोर्ट देनी होगी।छह सदस्यीय जांच कमेटी गठितयोगी आदित्यनाथ कहा कि सोनभद्र और मिर्जापुर में एक लाख हेक्टेयर से अधिक की भूमि फर्जी सोसाइटी गठित करके हड़पने का काम अधिकांशतया कांग्रेस के समय हुआ है। अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एक 6 सदस्यीय कमेटी गठित की जा रही है। यह टीम तीन महीने में अपनी विस्तारपूर्वक रिपोर्ट करेगी। जहां भी फर्जी सोसाइटी बनाकर जमीनों को हड़पने का कार्य हुआ है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।सोनभद्र कांड का बिहार से मुख्य कनेक्शन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि, वहां मैं खुद गया था। राजस्व व पुलिस से संबंधित मामलो की जांच की गई। मामले में दोषी पाए गए डीएम अंकित अग्रवाल व एसपी सलमान ताज पाटिल को हटा दिया गया है। प्रभाकर चौधरी नए एसपी होंगे। जांच में पाया गया है कि इस कांड का मुख्य कनेक्शन बिहार का था। जिसमें कांग्रेस के पूर्व नेताओं की भूमिका संदिग्ध रही। मुख्य आरोपी प्रधान यज्ञदत्त सपा से जुड़ा था।कांग्रेस नेता ने शुरू किया विवादसीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, इस विवाद की शुरूआत 10 अक्टूबर 1952 में कांग्रेस के एक नेता ने की थी। 1300 बीघा से अधिक की जमीन को 1989 में सोसाइटी की जमीन को व्यक्तिगत नाम पर पर किए जाने से विवाद शुरू हुआ। 2017 जमीन को बिक्री शुरू हो गई। फिर झगड़ा शुरू हुआ, जिसका अंत 17 जुलाई को देखने को मिला। 1989 में तैनात रहे राबर्ट्सगंज के तहसीलदार, एसडीएम के खिलाफ मुकदमा होगा। मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक को संस्पेंड कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बिना प्रधान का साथ देने वाले एएसपी अरुण कुमार दीक्षित पर भी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है सोनभद्र उम्भा कांडसोनभद्र जनपद के घोरावल थाने के उभ्भा गांव में 112 बीघा खेत के लिए बीते 17 जुलाई को 10 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। लगभग 112 बीघा जमीन के लिए ग्राम प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर 32 ट्रैक्टर लेकर पहुंचा था। इन ट्रैक्टरों पर लगभग 50 से 60 लोग सवार थे। यह लोग अपने साथ लाठी-डंडा, भाला-गड़ासा और राइफल और बंदूक लेकर आए थे। गांव में पहुंचते ही इन लोगों ने ट्रैक्टरों से खेत जोतना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके लोगों ने ग्रामीणों पर लाठी-डंडा, भाला-बल्लम के साथ ही राइफल और बंदूक से भी गोलियां चलानी शुरू कर दी। जिसमें मौके पर ही सात लोग की मौत हो गई। बाकी तीन ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया था।
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