जीवन मन्त्र।
विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी भी पुकारते हैं क्योंकि भगवान श्रीगणेश से मनोकामना की पूर्ति के लिए आशीर्वाद को वरद कहते हैं.
वरद विनायक चतुर्थी करनेवाले श्रद्धालुओं को भगवान श्रीगणेश विघ्रमुक्त ज्ञान और धैर्य प्रदान करते हैं।
श्रीगणेश भक्तों के लिए वरद विनायक चतुर्थी व्रत-पूजा का विशेष महत्व है.
विनायक चतुर्थी के दिन प्रात:काल पवित्र स्नान कर, श्रीगणेश की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए और इसके बाद पूरी श्रद्धा-भक्ति से श्रीगणेश पूजा, आराधना और आरती करनी चाहिए.
* इस दिन श्रीगणेश को लड्डूअन का भोग लगाएं और यही प्रसाद स्वयं लें और यथाशक्ति सबको दें.
* श्रीगणेश विघ्नहर्ता हैं, इसलिए उनकी पूजा से जीवन के समस्त कार्य निर्विघ्र सम्पन्न होते हैं.
– आज का राशिफल –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम 09:29 तक:
मिथुन, सिंह, तुला,
वृश्चिक, कुम्भ, मीन
*मकर राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
उसके पश्चात –
निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक:
मेष, कर्क, कन्या,
वृश्चिक, धनु, मीन
*कुम्भ राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
– रविवार का चौघडिय़ा –
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग पहला- शुभ
दूसरा- चर दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ तीसरा- चर
चौथा- अमृत चौथा- रोग
पांचवां- काल पांचवां- काल
छठा- शुभ छठा- लाभ
सातवां- रोग सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग आठवां- शुभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग
रविवार, 4 अगस्त 2019
विनायक चतुर्थी शक सम्वत 1941 विकारी
विक्रम सम्वत 2076
काली सम्वत 5121
दिन काल 13:26:21
मास श्रावण
तिथि चतुर्थी – 18:50:03 तक
नक्षत्र उत्तरा फाल्गुनी – 25:44:03 तक
करण वणिज – 08:26:06 तक, विष्टि – 18:50:03 तक
पक्ष शुक्ल
योग शिव – 23:36:48 तक
सूर्योदय 05:43:53
सूर्यास्त 19:10:15
चन्द्र राशि सिंह – 09:28:21 तक
चन्द्रोदय 09:01:59 चन्द्रास्त 21:51:00
ऋतु वर्षा
दिशा शूल: पश्चिम में
राहु काल वास: उत्तर में
नक्षत्र शूल: उत्तर में 25:45 तक
चन्द्र वास: पूर्व में 09:29 तक, दक्षिण में 09:29 से