इंडियन फेडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट
यूनियन, सोनभद्र इकाई के अध्यक्ष विजय विनीत ने सोनभद्र जैसे दूसरी घटना न हो प्रदेश में प्रशासन की आँख खोलने का छोटा सा प्रयास
सोनभद्र नरसंहार जैसी स्थिति बनी हुई है|
अपने स्तर से दिशानिर्देश करने की महान कृपा करें
मिर्जापुर।यह ऊपर के चंद शब्द पड़ोसी जनपद मिर्जापुर के विनोद सिंह के हैं।यह लालगंज तहसील के नौगवां गांव के निवासी हैं।घोरावल में हुए वीभत्स कांड के बाद हमारे द्वारा किये गए कुछ अदने से कार्य व लेखन से प्रभावित हैं। उन्हें उम्मीद है कि हमारे गांव के भू माफियाओं पर शायद लगाम लगे ।
इनके गावँ में भी दबंगो ने चारागाह, रास्ता समेत तमाम भूमि पर कब्जा कर रखा है। ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र भी दिया जा चुका है। आधा दर्जन बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की जा चुकी है। परिणाम “ढाक के तीन पात”
स्थानीय लेखपाल अपने को राज्यपाल समझ रहा है।लेकिन तहसील दार उप जिला अधिकारी व अन्य लोग क्या कर रहे हैं यह समझ से परे है।
ग्रामीणों को भय है कि कहीं ज्यादा विरोध करने पर घोरावल के उम्भा जैसी घटना न हो जाय ।
कारण की उस गांव के दबंग त्रिवेणी सिंह के 6 लड़के है। सभी ने कई हेक्टेयर भूमि गलत तरीके से हथिया रखी है। इनके पांच लड़के भूमि हड़पो अभियान में इस कदर अंधे हो गए हैं कि भूमि हड़पने के लिए कुछ जगह कागजों में राजेन्द्र प्रसाद सिंह,ज्ञान सिंह,श्याम सिंह,नारेंद्र सिंह, बालेन्द्र सिंह व शैलेन्द्र सिंह पुत्र त्रिवेणी सिंह हैं तो कुछ जगह इनमे से पांच लोग अपना नाम व बाप का नाम बदल दिए हैं।
राजेन्द्र प्रसाद राजेन्द्र प्रताप सिंह , श्याम सिंह श्यामवेन्द्र सिंह,बालेन्द्र सिंह बच्चा सिंह पुत्र अमीन सिंह बन गए हैं।जबकि नारेंद्र सिंह व ज्ञान सिंह पुत्र अमीन सिंह हो गए है।ग्रामीणों ने दावा किया है कि कोई भी अमीन सिंह का परिवार इस गांव में नहीं हैं। इन भू माफियाओ ने लगभग 490 बीघे भूमि पर अवैध ढंग से कब्जा कर रखा है। इस मामले में लालगंज तहसील दार की भूमिका संदिग्ध है।
स्थानीय लेखपाल अधिकारियों को कब्जा मुक्त करने की झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह कर रहा है।
नापी के बाद दबंगो ने रास्ता काटकर मेड़ बना दिया है कि हमारा कोई क्या बिगड़ लेगा।तहसील दर लालगंज ने दूरभाष पर बताया कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है इसे हम आज दिखवाते हैं।
क्या योगी जी वहां के राजस्व अधिकारियों के खिलाफ निलम्बन या सेवा समाप्ति की कार्यवाही करेंगें*
इस मामले में बताया गया कि पूर्व में दबंगो का सम्बंध एक राजनैतिक दल से था। वर्तमान में एक विधायक के प्रतिनिधि के साथ एक व्यक्ति घूम रहा है और उसी के प्रभाव से अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहें।