कावड़ियों का जत्था बाबा बैजनाथ धाम के लिए रवाना

ओबरा/सोनभद्र-स्थानीय वीआईपी रोड स्थित महादेव कालोनी से कावड़िया भक्तो का जत्था रविवार को श्रद्धा भक्ति से बाबा भोलेनाथ का पूजन कर जलाभिषेक करने के लिए कावड़िया झारखंड स्थित बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हुए।

कई वर्षों से बाबा बैद्यनाथ धाम देवघर जलाभिषेक करने वाले कावड़िया भक्त उमाशंकर अग्रहरि ने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा का जल उठाकर 108 किमी पैदल कावड़ यात्रा कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करता है निश्चित ही उसके मन की मुराद बाबा भोलेनाथ पूरी करते है।उन्होंने यह भी बताया कि सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा का दो कलश जल भरा जाता है और जल का विधि विधान से पूजा, संकल्प कराने के पश्चात ही कावड़ यात्रा प्रारम्भ किया जाता है ।

पहले कलश का जल बाबा बैद्यनाथ और दूसरे कलश का जल बाबा बाशुकी नाथ को जलाभिषेक किया जाता है तभी इस पवित्र कावड़ तीर्थ यात्रा का फल प्राप्त होता है।108 किमी सुल्तानगंज से देवघर की यात्रा करने वाले कावड़िया भक्तो को नियमानुसार विधि विधान से कावड़ यात्रा के दौरान कावड़ को रखने व उठा कर चलने के समय
पूजा,आरती,और बोल बम के मंत्रोच्चार के साथ कावड़ यात्रा पूरी करनी होती है।बम शब्द का गूढ़ रहस्य यह है की
ब्रह्मा,विष्णु,महेश के नाम इसमें समाहित है इसलिए इस महामंत्र का उच्चारण करते हुए ही कावड़ यात्रा करना होता है इस कठिन पवित्र कावड़ यात्रा को जो भी भक्त नंगे पांव सच्चे श्रद्धा,भक्ति से पूरी कर जलाभिषेक श्रावण मास में करता हैं। बाबा भोलेनाथ निश्चित ही कावड़िया भक्तो के मन की मुराद को पूरी करता है।इसका जीता जागता प्रमाण यह है कि श्रावण मास में 108 किमी की दुरी में कावड़िया भक्तो की कतार कभी टूटती ही नही अनवरत पवित्र कावड़ यात्रा रात दिन चलता रहता है ।बोल बम,बोल बम,बाबा नगरिया दूर है जाना जरूर है आदि के गुंजायमान महामंत्रों के उदघोष से समूचा इलाका भक्तिमय व शिवमय हो जाता है।इस दौरान लक्ष्मीनारायण अग्रहरि,भरत अग्रहरि,विजय वैश्य ,नीता अग्रहरि,बबिता वैश्य,कौशल वैश्य,कृष्णा अग्रहरि,गोरेलाल आदि शामिल रहे।

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