भगवान को पंचामृत चढ़ाएं और ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप क
धर्म डेस्क। रविवार, 28 जुलाई को सावन माह के शुक्ल पक्ष की कामिका एकादशी है। सावन शिवजी का प्रिय माह है और एकादशी भगवान विष्णु की प्रिय तिथि है। कामिका एकादशी पर इन दोनों देवताओं की विशेष पूजा करें। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए कामिका एकादशी से जुड़ी खास बातें…
कामिका एकादशी पर स्नान के बाद सबसे पहले श्री गणेश की पूजा करें। इसके बादभगवान विष्णु की मूर्ति और शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए। पंचामृत स्नान के बाद एक बार फिर से पानी से स्नान कराएं। विष्णुजी और शिवजी के साथ ही माता लक्ष्मी और माता पार्वती की भी पूजा करें।
देवी-देवताओं को अबीर, गुलाल, इत्र आदि सुगंधित चीजें चढ़ाएं। चावल और फूल अर्पित करें। धूप, दीप जलाकर आरती करें। विष्णुजी को मक्खन-मिश्री का भोग लगाएं, तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं। शिवजी को मिठाई चढ़ाएं, ध्यान रखें शिवजी को तुलसी न चढ़ाएं। आरती के बाद पूजा में हुई भूल के लिए भगवान से क्षमा याचना करें।
एकादशी व्रत करने वाले ध्यान रखें ये बातें
जो लोग कामिका एकादशी पर व्रत करते हैं, उन्हें इस दिन चावल और चावल से बनी खाने की चीजों का त्याग करना चाहिए। फलाहार करें। फलाहार में तुलसी भी डालें और पीने के पानी में भी तुलसी के पत्ते डालें। ऐसा करने से तुलसी के औषधिय गुणों से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
एकादशी पर किन कामों से बचें
कामिका एकादशी पर घर में क्लेश नहीं करना चाहिए। शांति और प्रेम से रहें। पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद होगा तो पूजा-पाठ में मन नहीं लगेगा और पूजा सफल नहीं हो पाएगी। माता-पिता या किसी अन्य वृद्ध व्यक्ति का अनादर न करें। गरीबों को धन का और अनाज का दान करें। संभव हो सके तो किसी जरूरतमंद व्यक्ति को छाते का दान करें।