शिक्षा डेस्क।उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2019 के दौरान परीक्षा केंद्र में शिक्षक भी स्मार्टफोन लेकर नहीं जा सकेंगे। परीक्षा को शुचितापूर्वक संपन्न कराने के लिए कई बड़े बदलाव करने पर विचार चल रहा है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज जल्द सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव भेजने जा रहा है। इस साल की परीक्षा अक्तूबर में संभावित है। आवेदन अगस्त में लिए जा सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार इस बार परीक्षा में सख्ती बढ़ाई जाएगी। अब तक परीक्षा केंद्र में कक्ष निरीक्षकों या केंद्र व्यवस्थापक के स्मार्ट फोन लेकर जाने पर रोक नहीं थी। लेकिन इस बार शिक्षकों को भी स्मार्टफोन ले जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। ओएमआर शीट की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उस पर बार कोड लगाने पर विचार चल रहा है ताकि किसी प्रकार की हेरफेर की गुंजाइश न रह जाए।
दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए मिलने वाले लेखन सहायक के नियमों को भी सख्त करने पर विचार चल रहा है। परीक्षा केंद्र प्राथमिकता के आधार पर राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को बनाने की हिदायत है। अपरिहार्य परिस्थिति में ही वित्तविहीन स्कूलों को केंद्र बनाया जाएगा। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि टीईटी के लिए प्रस्ताव इसी महीने भेजने की तैयारी है।
बीएड वाले भी प्राइमरी टीईटी देंगे
पिछले साल आयोजित टीईटी के लिए 1827851 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 1170786 और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए 612930 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। प्राथमिक स्तर की परीक्षा में बीएड डिग्रीधारी भी शामिल हो सकेंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने जून 2018 में बीएड वालों को शामिल कर लिया था। जिसके बाद बीएड डिग्रीधारियों ने पिछले साल की भी प्राइमरी टीईटी दी थी।