आदिवासियों की व्यथा सुनाते हुए पूर्व मंत्री विजय सिंह गौड़ हुए भावुक
दुद्धी, सोनभद्र।(भीमकुमार) अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा व कर्नाटक गोंड महासभा के संयुक्त तत्वाधान में दिल्ली कर्नाटका संघ मोतीबाग नई दिल्ली में गुरुवार को गोंड सांसदों के सम्मान समारोह में आदिवासियों के कद्दावर नेता विजय सिंह गौड़ ने आदिवासी उत्पीड़न पर जमकर भड़ास निकाली।

आदिवासियों के व्यथा सुनाते-सुनाते कुछ देर के लिए वे भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि मेरे 27 साल विधायकी कार्यकाल के दौरान लोग आदिवासियों की जमीनों को हड़पने की बात तो दूर छोटा-मोटा उत्पीड़न करने से भी करने की भी हिमाकत नहीं करते थे। आज हाल यह है कि आदिवासी समाज की जर, जमीन और जंगल सब खतरे में है।

उन्होंने
सोनभद्र के उभा नरसंहार की न्यायिक जांच कराने, ट्रस्ट की जमीन अधिगृहित कर उभा के ग्रामीणों में वितरित करने, नरसंहार में मृतकों के आश्रित को सरकारी नौकरी देने, भूमि आयोग का गठन करने, वनाधिकार कानून के तहत पट्टा देने, भूमि विवादों के निस्तारण हेतु फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने, आदिवासियों व उनके नेताओं पर लादे गुण्ड़ा एक्ट के मुकदमें वापस लेने जैसी आदिवासियों के हितकारी मांगों को आदिवासी समाज के सरकार में पदासीन प्रतिनिधियों के सामने रखते हुए तत्काल निराकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की मांग की। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि कर्नाटक के श्री श्री सिद्ध रामानंद स्वामी जी तथा छत्तीसगढ़ के गवर्नर मिस अनसूईया उईके मौजूद थीं।

कार्यक्रम में भारत सरकार के सेंट्रल स्टेट स्टील मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सेंट्रल स्टेट ट्राईबल अफेयर मिनिस्टर रेणुका सिंह सरुता, महाराष्ट्र के सांसद अशोक महादेवराव नेटी, छत्तीसगढ़ के राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, मध्य प्रदेश की राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उइके, छत्तीसगढ़ के सांसद मोहन मरांडवी, तेलंगाना के सांसद सोयाम बाबूराव, मध्य प्रदेश के सांसद दुर्गादास उइके, बहराइच यूपी के सांसद अकशायवार गोंड, उड़ीसा के सांसद रमेशचंद मांझी, बस्तर छत्तीसगढ़ के सांसद दीपक बैज, सहडोल मध्य प्रदेश के सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह के अलावा आदिवासी समाज के सम्मानित राष्ट्रीय पदाधिकारी प्रांतीय पदाधिकारी जिलाध्यक्षों व सामाजिक मुखिया गण उपस्थित थे।
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