डा.रीना सिंह मर्डर केस में डा.आलोक सिंह गिरफ्तार, हवालात में डालने से पहले मिली वीवीआईपी सुविधा

थाना प्रभारी ने उपर के दबाव का पूरा रखा ध्यान, हाईप्रोफाइल केस में शुरू से सवालों के घेरे में रही पुलिस की भूमिका

वाराणसी। डा.रीना सिंह मर्डर केस में डा.आलोक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुर्की का वारंट जारी होने के बाद डा.आलोक खुद ही पुलिस के पास पहुंचे थे, जहां पर उनका खास ध्यान रखा गया। थाना प्रभारी ने अपने सामने कुर्सी पर बैठाया और बिस्कुट व पानी की भी व्यवस्था की। थोडी देर पूछताछ के बाद उन्हें हवालात में डाल दिया गया। पुलिस ने पूछताछ में भी उपरी दबाव का सारा ध्यान रखा।

डा.रीना सिंह के पिता रंगनाथ सिंह ने इस केस को लेकर शुरू से पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। दो जुलाई को कैंट थाना क्षेत्र के टैगोर टाउन में डा.रीना सिंह की रहस्मय परिस्थितियों में छत से गिरने पर मौत हो गयी थी। इसके बाद रंगनाथ सिंह ने अपने दामाद डा.आलोक सिंह व उनके माता व पिता पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद से डा.आलोक का पूरा परिवार फरार हो गया था। पुलिस ने कोर्ट से जब कुर्की वारंट जारी कराया तो नाटकीय ढंग से डा.आलोक प्रकट हो गये। इसके बाद कैंट पुलिस ने उनका पूरा ध्यान रखा है। आमतौर पर कोई आरोपी थाने लाया जाता है तो उसे तुरंत ही हावालात में डाला जाता है लेकिन डा.आलोक को थाना प्रभारी ने पहले सामने वाली कुर्सी पर बैठाया। इसके बाद नमकीन व बिस्कुट के साथ ठंडा पानी मंगाया। थोड़ी पूछताछ की और फिर हवालात में डाला। इस मामले में अब पुलिस क्या कार्रवाई करती है इस पर सभी की निगाहे लगी है।

*राज्यमंत्री के करीबी व आईएएस है डा.आलोक सिंह के जीजा*
डा.आलोक सिंह के जीजा एमपी सिंह आईएएस है र जिले के राज्यमंत्री से उनका करीबी संबंध है। एमपी सिंह बनारस में वीडीए में काफी समय तक तैनात थे और उस दौरान भी उनकी शासन में पकड़ दिखायी दी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में दोनों लोगों की अच्छी पकड़ है। पुलिस भी जिस तरह से आरोपी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है उससे कैंट पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है।

Translate »