भूमि विवाद के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की मुख्यमंत्री से की मांग

जनजातियों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को कराया अवगतअनुसूचित जनजाति के नेता एवं वन्यजीव बोर्ड सदस्य ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन म्योरपुर।उत्तर प्रदेश राज्य वन्य जीव बोर्ड के सदस्य श्रवण कुमार सिंह गौड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनपद आगमन पर रविवार को म्योरपुर हवाई अड्डे पर उनसे मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया।ज्ञापन में उन्होंने वन अधिकार कानून 2012 को पूर्णता लागू करने के साथ बताया कि वन अधिकार कानून 2005 लागू है किंतु वन अधिकार कानून 2005 में तमाम खामियां होने के कारण वन अधिकार कानून 2012 लाया गया है।कहा राजस्व विभाग के राजस्व मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करके की जाए।ज्ञापन में जनपद के खनिज विभाग, वन विभाग व राजस्व विभाग के पूर्ण प्रभाव में आता है ऐसी दशा में तीनों विभागों का सीमांकन किए बिना विवाद नहीं समाप्त हो सकते, इसीलिए फास्ट ट्रैक कोर्ट जरूरी है।अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामलों की सुनवाई के लिए परियोजना अधिकारी नियुक्त किए जाएं।उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जनजाति प्रभावित जिलों में परियोजना अधिकारी कार्यरत हैं, किंतु आदिवासी

बहुल जनपद सोनभद्र में अभी तक इनकी तैनाती नहीं हो पाई है।इसलिए परियोजना अधिकारी तहसील स्तर पर तैनात किए जाएं।धारा-20 की जमीन के मामलों का निस्तारण किया जाया, क्योंकि जब यहां का मूल निवासी आदिवासी वनवासी अपनी पुश्तैनी पारंपरिक जमीनों पर खेती के समय जाता है तो वन विभाग के द्वारा सदैव यह कहकर के उसे रोकने का प्रयास किया जाता है कि उक्त भूभाग धारा 20 के अंतर्गत प्रतिबंधित है।मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए श्री सिंह ने कहा कि उक्त बिंदुओं पर कार्यवाही करने के साथ संबंधों को निर्देशित करें जिससे कि अराजक तत्वों के द्वारा गलत तरीके से तथ्य प्रस्तुत कर हो रही राजनीति पर पूर्ण विराम लग सके।

Translate »