सोनभद्र।

17 जुलाई 2019 को ग्राम पंचायत मुर्तिया के उम्भा गांव मे आदिवासियो के नरसंहार ने पूरे देश को झकझोर दिया है।इस मामले में भाजपा के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार ने बताया कि 17 दिसम्बर 1955 में कांग्रेस सरकर में तहसीलदार द्वारा असवैधानीक तरीके से आदर्श कोआपरेटिव सोसाईटी के नाम से 639 बीघा जमीन किया था। सोसाईटी के मालिक एक आई0ए0एस0 के ससुर महेस्वरि प्रसाद नरायन सिंह के नाम कराया गया। यह सोसाईटी सहकारी समिति उत्तर प्रदेश अधिनियम 1966 मे समाप्त हो गयी थी। फिर भी दबाव में आकर 06 सितंबर 1989 को एस0 डी0एम0 रावर्टसगंज ने सोसाईटी से लगभग 100 बीघा जमीन आशा मिश्रा पति प्रभात मिश्रा आई0 ए0एस0 बिहार कैडर मुजफ्फरपुर जो महेश्वरी प्रसाद नारायण सिंह की लड़की है, के नाम व लगभग 100 बीघा जमीन बिनिता शर्मा पति भानू शर्मा आई0एस0 बिहार कैडर जो आशा मिश्रा की लड़की के नाम कर दी गई । उस जमीन में से इन लोगों ने 17 अक्टूबर 2017 को लगभग 100 बीघा से ज्यादा जमीन यज्ञदत्त प्रधान के नाम से बैनामा कराया। 06 फरवरी 2019 में खारिज दाखिल हुआ था। इस मामलें में घटना के बाद पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार गाँव उम्भा गांव में जाकर पीड़ित परिवार से मिले थे, एवं दाह संस्कार में सम्मिलित हुए थे।सांसद श्री खरवार ने बताया कि उसी समय उच्चस्तरीय जांच एवं सी0बी0आई0 जांच कराने की मांग किया था । जिसमें मुख्यमंत्री जी ने तत्काल कार्यवाही किया है ।एवं प्रदेश के उच्चस्तरीय जांच बैठा दिया गया है। हम सबको बिश्वास है कि जांच के बाद उच्चस्तरीय अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी ।एवं उस गाँव के जमीन ग्राम सभा में वापस हगी।तथा सभी आदिवासियों के नाम पट्टा किया जायेगा ।ऐसा मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया है।
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