सोनभद्र नरसंहार पर सपा की जांच कमिटी ने अखिलेश यादव को भेजी रिपोर्ट, सरकार की भूमिका पर उठाया सवाल

सोनभद्र नरसंहार पर सपा की जांच कमिटी ने अखिलेश यादव को भेजी रिपोर्ट, सरकार की भूमिका पर उठाया सवाल
-बनारस के नेताओं ने ट्रामा सेंटर जा कर जाना घायलों का हाल
-पीड़ितों से ली घटना की बाबत पूरी जानकारी
– बनारस के महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल ने की न्यायिक जांच की मांग की
-राज्यपाल से किया सवाल अब ध्वस्त कानून व्यवस्था पर चुप क्यों

वाराणसी।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोनभद्र के घोरावल ब्लॉक के अंतर्गत मुर्तिया ग्राम पंचायत में सामुहिक नरसंहार की लोमहर्षक व दुःखद घटना से मर्माहत होकर सपा के वरिष्ठ नेताओं की एक जांच समिति गठित की है। वह समिति घटनास्थल पर पहुंच कर सही तथ्यों की जानकारी हासिल कर रही है। इस बीच अखिलेश यादव ने वाराणसी की समाजवादी पार्टी को यहां ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों का हाल जानने और उनकी पीड़ा साझा करने का भी निर्देश दिया है। इस टीम ने गुरुवार को ट्रामा सेंटर पहुंच कर घायल पुरुषों व महिलाओं के स्वास्थ की जानकारी ली। फिर उनकी पीड़ा को साझा करते हुए अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को भेंजी।

ट्रामा सेंटर पहुंची सपा टीम ने घायलों को अखिलेश यादव का संदेश दिया। साथ ही उन्हें भरोसा दिलाया कि इस दुख की बेला में समाजवादी पार्टी उनके साथ है। इस अन्याय के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक आवाज़ उठाकर पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य करेगी। इस दौरान घायलों व उनके परिजनों ने अपनी पीड़ा सपा नेताओं संग साझा की।

कारुणिक दृश्य से मर्माहत ट्रामा सेंटर के बाहर प्रेस प्रतिनिधियों से बात करते हुए सपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल ने कहा कि सपा सरकार के समय हरवक्त हायतौबा मचाने वाले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल इस समय आंखे बंद कर मौन साधे हुए हैं। प्रदेश में अपराध की बाढ़ सी आ गई है। यह जघन्य हत्याकांड शासनिक व प्रशासनिक अक्षमता का कुपरिणाम है। सोनभद्र में घोरावल का नरसंहार अत्यंत विभत्स और लोमहर्षक है। प्रशासनिक लापरवाही को देखते हुए इसकी न्यायिक जांच की जानी चाहिए और दोषियों को कड़ा दंड मिलना चाहिए। उन्होंने साथ मृतकों के परिवार को न्यूनतम 25 लाख व घायलों को 10 लाख रुपये की अहेतुक सहायता राशि प्रदेश सरकार को नैतिकता व मानवता के नाते अविलंब प्रदान करना चाहिए।

ट्रामा सेंटर में घायलों के परिजनों व उपस्थित गांव वासियों ने बताया कि जनपद सोनभद्र की घोरावल तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत मूर्तिया के गांव उभ्भा में हुआ गोलीकांड अत्यंत निंदनीय है। इस जघन्य घटना में पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। वहां जमीन विवाद काफी पहले से धधक रहा था, लेकिन पुलिस प्रशासन निष्क्रिय बना रहा। परिणामस्वरूप इतना बड़ा हत्याकांड हो गया जिसमें अब तक 10 स्त्री पुरुषों की जान चली गयी और 18 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों को सांत्वना देते सपा महानगर अध्यक्ष राजकुमार यादव
जायसवाल ने घायलों के हवाले से बताया कि सोनभद्र में बाहरी लोग पहुंच कर आदिवासियों और अन्य गरीबों की ज़मीनों को तरह बेतरह के हथकंडे लगाकर हथिया रहे हैं। आए दिन लोगों को हिंसा और दबंगई का सामना करना पड़ रहा है। वनाधिकार कानून को भी लागू नहीं किया जा रहा। जल जंगल जमीन का जमकर दोहन हो रहा है। सरकार और प्रशासन अधिकतर मामलों में शोषक और अत्याचारियों का साथ दे रही हैं। हर बड़ी वारदात पर मुख्यमंत्री कार्यालय से बयान जारी होता है कि मुख्यमंत्रीजी ने संज्ञान लिया है। पर वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।

सपा जिला/महानगर वाराणसी ने अपनी जांच रिपोर्ट सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को प्रेषित कर दी है ताकि देश व प्रदेश के उच्च सदन में घटना से सम्बंधित सच्चाई उजागर करे और पीड़ितों को न्याय दिलाने को हर संभव कदम उठाएं।

ट्रामा सेंटर गई सपा टीम में प्रदेश सचिव प्रदीप जायसवाल, पार्षद दल नेता कमल पटेल, छात्रसभा के राष्ट्रीय सचिव आशुतोष सिन्हा, विवेक यादव, प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष डॉ आनंद प्रकाश तिवारी, पूर्व पार्षद सत्यप्रकाश सोनकर सोनू आदि शामिल थें।

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