एजेंसी वाशिगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार को नोबेल पुरस्कार विजेता नादिया मुराद के काम से अनजान नजर आए। नादिया मुराद को किसलिए नोबल पुरस्कार मिला, इसकी जानकारी ट्रम्प को नहीं थी। नादिया एक प्रतिनिधिमंडलके साथ बुधवार को व्हाइट हाउस में ट्रम्प से मुलाकात की। उन्होंने ट्रम्प से इराक के यजीदी में महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने को लेकर मदद करने का अनुरोध किया।
नादिया मुराद उन हजारों महिलाओं और लड़कियों में से एक हैं,जिन्हें 2014 में इराक कीस्वात घाटी से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था। नादिया ने ट्रम्प को बताया कि उनकी मां और छह भाइयों को किस प्रकार आतंकवादियों ने मार दिया। उन्होंने बताया तीन हजार यजीदी अभी भी लापता हैं। ट्रम्प ने कहा- आपने नोबल पुरस्कार जीता है? यह अविश्वसनीय है। लेकिन यह आपको किसलिए दिया गया? इस पर नादिया सकते में आ गई और अपनी पूरी कहानी सुनाई।
यह सिर्फ एक महिला की बात नहीं- मुराद
नादिया ने कहा- मेरे साथ यह सब होने के बाद भी मैंने कभी हार नहीं मानी। मैंने यह प्रमुखता से कहा कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने हजारों यजीदी महिलाओं के साथ बलात्कार किया है। उन्होंने कहा- कृपया कुछ कीजिए। यह सिर्फ एक परिवार की बात नहीं है। उन्होंने ट्रम्प से अनुरोध किया कि वे इराकी और कुर्दिश सरकार से सुरक्षित माहौल बनाने की अपील करें ताकि यजीदी वापस लौट सकें।
ट्रम्प ने कहा- आईएसआईएस तो जा चुका
ट्रम्प ने पूछा- लेकिन आईएसआईएस जा चुकाहैं और अब यह कुर्दिश हैं, या कोई और? नादिया ने कहा- मैं इस इलाके को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं। उन्होंने बताया- किस प्रकार यजीदी खतरनाक रास्तों से होकर जर्मनी में सुरक्षित जगहों पर जाते हैं। ट्रम्प शरणार्थियों की हमेशा आलोचना करते रहे हैं। नादिया को पिछले साल संयुक्त रूप से शांति का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
रोहिंग्या से आए जनप्रतिनिधि भी ट्रम्प से मिले लेकिन वे भी उनके बारे में अनजान नजर आए। इससे एक दिन पहले ट्रम्प प्रशासन म्यांमार के सेना प्रमुख और तीन अन्य अधिकारियों को अमेरिका की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।सोर्स ऑफ दैनिक भास्कर।