डोनल्ड ट्रंप इन अमरीकी महिला सांसदों के ख़िलाफ़ क्या बोल रहे हैं?

वाशिंगटन ।

अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का चार डेमोक्रेटिक महिला सांसदों पर ‘नस्लवादी’ टिप्पणी का विवाद अभी थमा भी नहीं था, कि उन्होंने इन महिलाओं को अमरीका विरोधी बताते हुए विवाद को और तूल दे दिया है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि इन महिलाओं को अमरीका के दुश्मनों से प्यार है, और अगर वो खुश नहीं हैं तो उन्हें चले जाना चाहिए।
व्हाइट हाउस में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, “अगर आप हमेशा शिकायत ही करती रहती हैं तो यहां से जाएं।

रविवार को जातीय रूप से विविध पृष्ठभूमि की महिलाओं को ट्रंप ने “वापस लौट जाने के लिए” कहा था. इसके बाद उन पर नस्लवाद और दूसरे देशों के लोगों के प्रति पक्षपाती और नफ़रत का रवैया रखने के आरोप लगे, जिन्हें ट्रंप ने ख़ारिज कर दिया.
पत्रकारों से ट्रंप ने कहा, “मेरे मुताबिक ये वो लोग हैं, जो हमारे देश से नफ़रत करते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस बात को लेकर चिंतित नहीं है कि उनकी टिप्पणियों को कुछ लोग नस्लवादी बता रहे हैं.
तो उन्होंने कहा, “मुझे इसकी चिंता नहीं, क्योंकि मेरे लोग मुझसे सहमत हैं.”
ट्रंप ने ये विवाद रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट करके खड़ा किया. जिसमें उन्होंने लिखा, “ये मूल रूप से उन देशों की हैं, जहां की सरकारें पूरी तरह से विनाशकारी हैं.”
इन ट्वीट में उन्होंने किसी महिला का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा किसकी ओर था लोग समझ गए थे।

जिन चार महिलाओं का नाम लिया गया, उनमें एलेक्जेंड्रिया ओकासियो कोरटेज़, रशीदा तलीब, अइयाना प्रेस्ली और इल्हान ओमार शामिल हैं.
एलेक्जेंड्रिया, रशीदा और प्रेस्ली का जन्म अमरीका में ही हुआ था, जबकि इल्हान ओमार 12 साल की उम्र में शरणार्थी के तौर पर अमरीका आई थीं।
इन सभी ने राष्ट्रपति को नस्लवादी करार दिया है और डेमोक्रेटिक पार्टी ने इन महिलाओं का समर्थन किया है.
सोमवार को कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने भी राष्ट्रपति की भाषा की आलोचना की।
सिनेटर सुसान कोलिंस ने कहा कि ट्वीट्स ने ‘हद पार कर दी’ और उन्हें हटाया जाना चाहिए.
आलोचना के बावजूद ट्रंप ने सोमवार को फिर ट्वीट किए और महिलाओं से उन्हें और इसराइल के लोगों से माफ़ी मांगने को कहा.
ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी पर नस्लवाद का आरोप लगाया. दरअसल, पेलोसी ने कहा था कि राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार का नारा, मेक अमरीका ग्रेट अगेन, असल में “मेकिंग अमेरीका व्हाइट अगेन” था।

ट्रंप ने कहा, “ये बहुत नस्लवादी बयान है. मुझे हैरानी है कि उन्होंने ये कहा.”
डेमोक्रेट्स को सोमवार को दिए पत्र में पेलोसी ने सदन में एक प्रस्ताव लाने की घोषणा की है जिसमें ट्रंप के “घटिया हमलों” की निंदा करने की बात कही गई है. हालांकि अभी ये साफ़ नहीं है कि इस पर वोट कब होगा।

,★ ब्रेकग्राउंड क्या है?

शुरू में किए ट्वीट में ट्रंप ने किसी का ना तो नाम लिया और ना ही किसी घटना का ज़िक्र किया. लेकिन इस सप्ताहांत अमरीका में दक्षिणी सीमा पर आप्रवासियों का मुद्दा ख़बरों में छाया रहा।
शुक्रवार को ओकासियो कोरटेज़, रशीदा तलीब, अइयाना प्रेस्ली ने सदन की समिति के सामने एक प्रवासी डिटेंशन सेंटर की स्थितियों के बारे में बताया था. ये तीनों इस सेंटर का दौरा करके आई थीं.
उन्होंने “अमरीका के झंडे तले” लोगों के साथ हो रहे ग़लत व्यवहार पर चिंता ज़ाहिर की थी।
राष्ट्रपति ने इसके जवाब में ट्वीट करके कहा था कि बच्चों के डिटेंशन सेंटर के बारे में बहुत “अच्छे रिव्यू” मिले हैं और जिन इलाक़ों में बड़ों को रखा गया है वहां अपराध का प्रतिशत बहुत ज़्यादा है।

ये पहली बार नहीं है जब ट्रंप पर नस्लवाद के आरोप लगे हैं।
सालों तक वो ये झूठे दावे करते रहे हैं कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अमरीका में नहीं जन्मे थे.
1973 में न्याय विभाग ने ट्रंप और उनके पिता के ख़िलाफ़ रेंटिंग प्रेक्टिस में अफ्रीकी-अमरीकियों के साथ भेदभाव करने के आरोप में मुकदमा कर दिया था. हालांकि 1975 में उन्होंने मामले को आपसी सहमति से सुलझा लिया था.
लेकिन 1978 में फिर न्याय विभग ने उनके ख़िलाफ़ काले किरायेदारों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया रखने का आरोप लगाया।

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