जिलाधिकारी की अब निगाह में है जिला अस्पताल।
जिलाधिकारी ने सोमवार को सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर जिला अस्पताल का किया निरीक्षण।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित दर्जनों डाक्टरों का एक दिन का वेतन रोका।
दवा भण्डारण कक्ष से इस्पायरी औषधि पकड़ा।
एडवांस हस्ताक्षर बनाने वाले डाक्टरों को भी मौके पर तलब किया और गैर हाजिर पाया।
लापरवाहों का भी वेतन रोकने के आदेश दियें।
सोनभद्र/दिनांक 08 जुलाई,2019।जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने सोमवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय का प्रातः 09.10 बजे आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक गैर हाजिर मिलें। इन्होंने इसके साथ ही नेत्र सर्जन डॉ0 के0के0 पाण्डेय व बाल रोग विशेष डॉ0 प्रभात शुक्ला भी गैर हाजिर पाये गये। जिला अस्पताल की मिलीभगत व कर्मचारी आचरण नियमावली के विरूद्ध कार्य करने का एक नमूना भी निरीक्षण के दौरान मिला। मामला यूं हुआ कि डाक्टरों का ज्यादातर हस्ताक्षर हाजिरी रजिस्टर में थे, जब उन्हेंं जिलाधिकारी ने तलब किया तो वे उपस्थित नहीं हो सके, फिर क्या था, जिलाधिकारी ने एडवांस दस्तखत बनाकर मौके पर मौजूद न रहने वाले डाक्टरों का भी एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दियें और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का वेतन रोकते हुए एक सप्ताह में सभी जिम्मेदारी तय कर व्यवस्थाओं के सुधार के साथ रिपोर्ट तलब किया। जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने एडवांस दस्तखत बनाकर गैर हाजिर रहने वाले डॉक्टरों में डाक्टर ए0के0 गरौटिया, डॉ0 ए0पी0 वर्मा, डॉ0 डी0के0 सिंह, डॉ0 रंजीता चौधरी, डॉ0 पारूल, डॉ0 अरूण चौबे, डॉ0 विनोद कुमार, डॉ0 विद्यावती, डॉ0 सुभाष चन्द्र गैर हाजिर पाये गये। जिलाधिकारी ने जिला चिकित्सालय के भोजनालय का भी निरीक्षण किया और मीनू के अनुरूप भोजन न बनाने व मरीजों को समय से भोजन उपलब्ध न कराने की कमियों को पकड़ा। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि डॉ0 अनुराग शुक्ला व संदीप कुमार द्वारा मरीजों को दवाईयां शासन की मंषा के विपरीत बाहर से लिखी जा रही है। उन्होंने पाया कि दवा वितरण कक्ष में उपलब्ध दवाओं के सापेक्ष वितरण हेतु दवाओं की संख्या संतोषजनक नहीं है। जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारियों को सचेत करते हुए कहा है कि वे अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियमित रूप से उपस्थित रहकर मरीजों का ईलाज करें और उपलब्ध दवाओं को मरीजों को मुहैया करायें। किसी भी हाल में मीरजों को बाहर की दवा न लिखें। जहॉ दवाओं की कमी हो, वे जिला स्तर से समय रहते दवा की मांग करते हुए प्राप्त कर लिया करें। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में सर्पदंश की आषंका बनी रहती है, लिहाजा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सॉप के काटने पर लगाये जाने वाले इंजेक्षनों की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिष्चित की जाय, ताकि जरूरत पड़ने पर इंजेक्षन की कमी न हो।
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