अमेरिका अपनी मेजबानी में 5वीं बार खिताब जीता
कोपा अमेरिका चैम्पियन ब्राजील।
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो (बीच में) ने टीम की जीत पर खुशी जताई।
पेरू के लिए एकमात्र गोल पेनाल्टी पर पाओलो गुरेरो ने किया।
।ब्राजील अब तक पांच बार- 1919, 1922, 1949, 1989 और 2019 में कोपा अमेरिका की मेजबानी कर चुका है, हर बार चैम्पियन बना
टूर्नामेंट के नए फॉर्मेट में ब्राजील 6 बार फाइनल में पहुंची, 5 बार उसने टूर्नामेंट जीता
ब्राजील के लिए गेब्रियल हेसुस, पाओलो गुरेरो और रिचरलिसन ने गोल किया
रियो डे जेनेरियो। कोपा अमेरिका के फाइनल में सोमवार को ब्राजील ने पेरू को 3-1 से हराकर 12 साल बाद फिर टूर्नामेंट जीत लिया। इसी के साथ ब्राजील ने अपनी मेजबानी में कोपा अमेरिका जीतने का रिकॉर्ड भी बरकरार रखा। 1919, 1922, 1949, 1989 के बाद यह पांचवां मौका है जब ब्राजील को कोपा अमेरिका की मेजबानी दी गई और उसने टूर्नामेंट में जीत हासिल की। ब्राजील ने कुल 9वीं बार कोपा अमेरिका जीता है।
ब्राजील ने टूर्नामेंट के नए फॉर्मेट (1993 के बाद) में अब तक 6 बार फाइनल खेला है। इसमें 5 बार उसे जीत मिली। टीम को एकमात्र हार 1995 में उरुग्वे के खिलाफ मिली थी। ब्राजील के लिए गेब्रियल हेसुस टॉप परफॉर्मर रहे। उन्होेंने एक गोल किया, जबकि एक अन्य गोल में असिस्ट किया।
ब्राजील ने शुरुआत से ही दिखाया आक्रामक खेल
ग्रुप स्टेज में पेरू के खिलाफ 5-0 से जीत दर्ज कर चुकी ब्राजील ने इस मैच में भी शुरुआत से ही आक्रामक खेल दिखाया। 15वें मिनट में हेसुस ने दो डिफेंडर्स के बीच से पास किया और गेंद खाली क्षेत्र में खड़े एवरटन सोआरेस के पास पहुंचाई। एवरटन ने बिना गलती किए टीम का पहला गोल किया। पेरू ने हाफ टाइम के ठीक एक मिनट पहले पेनाल्टी पर गोल कर ब्राजील के स्कोर की बराबरी कर ली। रेफरी ने गेंद पर थिएगो सिल्वा का हाथ लगने के बाद पेरू को पेनाल्टी दी थी। इस पर पाओलो गुरेरो ने गेंद ब्राजील के गोलपोस्ट में डाल दी।
गोल की कोशिश में सफल नहीं हो सकी पेरू
गेब्रियल हेसुस ने एक बार फिर टीम को एकजुट कर गेंद अपने कब्जे में की और हाफटाइम के आगे एक्स्ट्रा टाइम के तीसरे मिनट में गोल दागकर ब्राजील को 2-1 की बढ़त दिला दी। पेरू ने इसके आगे गोल की काफी कोशिशें कीं खासकर 70वें मिनट में गेब्रियल हेसुस को रेड कार्ड पर बाहर भेजे जाने के बाद, लेकिन ब्राजील के मजबूत डिफेंस से उसे आखिर तक गोल का मौका नहीं मिला। मैच के आखिरी मिनट में सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी रिचरलिसन को पेनाल्टी का मौका मिला, जिससे उन्होंने ब्राजील की बढ़त 3-1 कर दी।