स्वास्थ्य डेस्क।(सुमन द्विवेदी)।गुणकारी आंवला, मिर्ची एवं अजवायन दिला सकता है कई रोगों से निजात।बताते चले कि गुठली निकालकर आंवलों को धोकर व हरी मिर्च धोकर डंडी हटाकर काट लें। कढ़ाई में तेल गर्म कर हींग, जीरा, अजवाइन व मेथीदाना डालें। हल्का भूरा होने पर हल्दी, धनिया व सौंफ पाउडर डालें। मसाला थोड़ा पकने पर कटे आंवले व हरी मिर्च डालें। अच्छे से मिलाकर 5-6मिनट के लिए ढक दें। यदि चमचे से आंवले आसानी से टूट रहे हों तो आंवला-हरी मिर्च की सब्जी तैयार है, जिसे 10-12 दिन तक खा सकते हैं।
सामग्री: 5-7 आंवले व हरी मिर्च, 3-4 चम्मच तेल, चुटकीभर हींग, अजवाइन, जीरा, मेथीदाना व हल्दी पाउडर (1/2 चम्मच), पिसी सौंफ डेढ़ चम्मच, पिसा धनिया एक चम्मच, नमक।
ऊर्जा: 150 ग्रा. कैलोरी।
पोषक तत्त्व : आयरन, विटामिन-सी से भरपूर आंवले विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स से युक्त हरी मिर्च सर्दियों में संक्रमण से बचाती है।
पेट के रोगों से दूर रखती है अजवाइन –
अजवाइन का प्रयोग मसाले व औषधि दोनों रूप में किया जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक यह पाचनतंत्र को दुरुस्त रखती है। इसका इस्तेमाल सब्जी, परांठे, सूप, बिस्किट व कचौरी आदि में किया जा सकता है। एक दिन में 10 ग्राम से अधिक अजवाइन न लें।
दर्दनाशक : एक गिलास पानी में आधा चम्मच अजवाइन डालकर उबालें। गुनगुना रह जाने पर गरारा करने से दांत के दर्द व मुंह की दुर्गंध से राहत मिलती है।
दुरुस्त पाचनतंत्र : वजन बढऩे, पेटदर्द, गैस या कब्ज की स्थिति में इसका पानी फायदेमंद है। अजवाइन को चबाने के बाद एक कप गुनगुना पानी ले सकते हैं। इसके अलावा इसे पीसकर छाछ में मिलाकर भी पी सकते हैं।
खांसी से राहत : आधे कप पानी में अजवाइन उबालकर उसमें दो चुटकी काला नमक मिला लें। इसके बाद इसे गुनगुना ही पीने से खांसी से राहत मिलेगी।