दुद्धी। बारिश का मौसम शुरू होते ही दुद्धी क्षेत्र में अघोषित विद्युत कटौती का नाटक परम्परागत ढंग से हर साल की तरह इस बार भी शुरू हो गया। इससे आम जन-जीवन जहाँ अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं बिजली विभाग की वही पुरानी घिसी-पीटी दलीलें “पेड़ की डाली गिर गई है, पोल गिर गया है, 33 हजार में फाल्ट है, 11 हजार की पट्रोलिंग फला जगह तक हो गई है, अभी फाल्ट ही पता नही चल पा रहा है, इंसुलेटर लीक है इत्यादि उपभोक्ताओं के कान तक पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे तकीयाकलामों से जनता राहत तो नही महसूस करती बल्कि आम जनमानस उद्धेलित जरूर हो उठता है। एसडीओ, जेई और दर्जन भर लाईनमैनों के तहसील मुख्यालय से नियमित जुड़ाव होने के बावजूद बारिश के मौसम में विद्युत व्यवस्था का चरमरा जाना विद्युत विभाग की कार्यप्रणाली को कलंकित कर रहा है। आखिर विभाग बरसात के पहले पेड़ के डालियों की कटाई-छटाई, जर्जर तारों को बदलने व झुके व कमजोर खंभो को दुरुस्त करने की जहमत क्यूँ नही उठाता। शहरी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने व बदल गरजने के बावजूद बिजली क्यूँ नही ट्रिप करती। जबकि इसके ठीक विपरीत दुद्धी क्षेत्र में हल्की-फुल्की बारिश में भी बिजली गुल हो जाती है। हर महीने 6-7 रुपये प्रति यूनिट और सरचार्ज ठोंककर भारी-भरकम रकम वसूलने वाला विभाग अपने उपभोक्ताओं के सब्र का इम्तिहान कब तक लेता रहेगा। विभाग की उदासीनता के कारण उपभोक्ता इसके निजीकरण कराने की मांग उठाने लगा है। एक पखवारे से बिजली आपूर्ति का आलम यह है कि घरों के इन्वर्टर तक चार्ज नही हो पा रहे हैं। उपभोक्ताओं ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट करते हुए दुद्धी की विद्युत व्यवस्था में सुधार की मांग की है।