इस्लामाबाद एजेंसी। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कड़ी शर्तों के साथ 39 महीनों के लिए छह अरब डॉलर का ऋण देने को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान इस समय भुगतान संतुलन के संकट से गुजर रहा है और अर्थव्यवस्था को फिर से ‘ वृद्धि की ठोस राह पर लाने के लिए उसे मदद की जरूरत है। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद उसने अगस्त 2018 में आईएमएफ से इस राहत पैकेज की मांग की थी।
आईएमएफ ने एक बयान में कहा, ”आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक मंडल ने पाकिस्तान के लिए विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत 39 महीने की विस्तारित व्यवस्था को मंजूरी दे दी। उसे 426.8 करोड़ का विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) दिया गया है जो उसके कोटा का करीब 210 प्रतिशत या छह अरब डॉलर के मूल्य के बराबर है। यह राशि उसे आर्थिक सुधार कार्यक्रम के समर्थन के लिए दी गयी है।”
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इस छह अरब डॉलर के ऋण में तत्काल दी जाने वाली एक अरब डॉलर की वित्तीय मदद शामिल है जो पाकिस्तान को उसके भुगतान संकट से निपटने में सहायता करेगी। बयान के अनुसार बाकी की राशि को कार्यक्रम की योजना के अनुसार समय-समय पर दिया जाएगा। यह चार त्रैमासिक और चार छमाही समीक्षाओं के आधार पर जारी की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि ईएफएफ से पाकिस्तान को आर्थिक अनिश्चिता को कम करने में मदद मिलेगी। यह सतत और संतुलित वृद्धि को पैदा करेगा जो सरकारी कर्ज को घटाने और राजकोषीय घाटे के निर्णायक एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने वाली होगी। साथ ही यह सामाजिक व्यय का भी विस्तार करेगी। बयान में कहा गया है कि यह पाकिस्तान में लचीली, बाजार उन्मुखी विनिमय दर में मदद करेगा जिससे प्रतिस्पर्धा को पुन: स्थापित करने और सरकारी आरिक्षत मुद्रा भंडार को फिर से बनाने में भी मदद करेगा।
आईएमएफ ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान को अगले तीन साल में मितव्ययता से जुड़े कड़े कदम उठाने होंगे। इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉक्टर अब्दुल हफीज शेख ने इस्लामाबाद में कहा कि आईएमएफ का यह कदम देश में बेहतर आर्थिक प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन स्थापित करने की सरकार की मंशा का अनुमोदन करता है। आईएमएफ का 1950 में सदस्य बनने के बाद पाकिस्तान को यह 22वीं दफा राहत पैकेज मिला है।