गुरमा/ सोनभद्र (मोहन गुप्ता)सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत मारकुण्डी ग्राम पंचायत आजादी के पुर्व से मारकुण्डी घाटी के ठीक नीचे राष्ट्रीय राज मार्ग स्थित तेलिया पोखरा का निर्माण किया गया था

जिससे आदिवासी कोल बस्तियों के लोग लाभावन्तित होने के साथ घाटी चढ़ने वाले आम यात्री और पशु पंक्षी भी लाभवन्तित होते थे ।लेकिन समय के चक्र के साथ धीरे धीरे ४ बिगहे में स्थित तेलिया पोखरा के चारो भीटो पर अतिक्रमण कर मकान बना लिया गया पोखरे का अस्तित्व समाप्त होते देख ग्रामीणों के पहल पर ढेङ वर्ष पुर्व जागरण ने इसकी खबर प्रमुखता से उठाया था कि जारण की पहल पर हल्के के लेखपाल गोपाल मोर्या ने ४ आदमियों के खिलाफ एफ आई आर और ३४ आदमियों को धारा ६७ के तहत कार्यवाही हेतू ढेङ वर्ष पुर्व नन्दलाल सदर तहसीलदार को फाईल दिया गया था ।लेकिन आज तक कार्यवाही को कौन कहे तालाब की सफाई तक नहीं की गयी है।पोखरे के भीटो के अक्रमण के साथ पुरा तालाब झार झंखाङ के साथ बेहाओ से पटा हुआ है।
इस वर्ष श्रवण प्रधान के पहल पर शेष बचे जगह पर छठ घाट का निर्माण चल रहा है।
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