इस बार फिर बारिश में बनारासी झेलेंगे मुसीबत, अब तक नहीं साफ हुए शहर के नाले

-अप्रैल में शुरू हुई थी कवायद
-अब तक नहीं हो सका काम पूरा
-तेज हुई बारिश तो कई मोहल्ले बनेंगे टापू
– नगर स्वास्थ्य अधिकारी का दावा 80 फीसदी काम पूरा

वाराणसी।जून का दूसरा पखवारा चल रहा है। मानसून सिर पर है। बूंदा-बांदी शुरू हो गई है। अब कुछ ही दिनों में मानसून सक्रिय होगा तब तेज बारिश भी होगी। लेकिन हाल यह है कि इस वीवीआईपी शहर के नाले-नालियों की सफाई का काम पूरा नहीं हो सका है। नियमानुसार 15 जून तक प्रत्येक नाले-नाली की सफाई हो जानी चाहिए। हालांकि नालों की सफाई के लिए अप्रैल में ही टेंडर हो चुका था पर काम की गति इतनी धीमी है कि एक दो नहीं कई नाले अब भी उफना रहे हैं। नालों का पानी सड़कों और गलियों में फैला है। लोग बेहाल हैं चिंता इस बात की है कि बारिश शुरू हो गई तो कई मोहल्ले टापू नजर आने लगेंगे। लेकिन इस तरफ नगर निगम के अफसरों का ध्यान नहीं है।

वैसे बता दें कि पिछले करीब चार साल से यही हाल है। आधा शहर सीवर ओवरफ्लो की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में नालों व नालियों की सफाई न होने से से बारिश में जलजमाव का खतरा बढ़ गया है। पिछले वर्ष बारिश के दौरान सीवर बैकफ्लो के कारण तमाम मोहल्लों में घरों, दुकानों में गंदा पानी चले जाने की ढेरों शिकायतें आई थीं। उस अनुभव से नगर निगम, जलकल ने सीख नहीं ली।

आलम यह है कि जंगमबाड़ी, बंगालीटोला, कज्जाकपुरा, दोषीपुरा, कमल गढ़हा, रसूलपुरा, सुंदरपुर, लंका, पियरी, पक्का महाल के मोहल्ले, सरैयां, सारनाथ आदि इलाकों में कई नालों व नालियों की सफाई अधूरी है या शुरू ही नहीं हुई है। नगर निगम के अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण नहीं कर रहे हैं जिससे पारदर्शिता से काम नहीं हो पा रहा है। छविमहल के पास के नाले का टेंडर ही नहीं हुआ है।

विभिन्न पार्षदों ने भी इस मुद्दे पर अधिकारियों से कई बार शिकायतें कीं लेकिन उन्हें 15 जून तक सफाई कार्य पूरा होने का आश्वासन दिया जाता रहा। लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बाद भी नालों की सफाई पूरी न होने पर अब वो ही पार्षद निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कज्जाकपुरा, सरैयां, पहड़िया, कोनिया, पीलीकोठी, जैतपुरा, तेलियाना इलाकों में भी ऐसे कई नाले हैं जिनकी सफाई अभी तक पूरी नही हुई है। ये क्षेत्र ऐसे हैं जहां पहले ही सीवर की गंभीर समस्या बनी हुई है। ऐसे में नालों की सफाई न होने व बारिश शुरू होने के कारण अब इलाकों में जलजमाव व गंदगी भयावह स्थिति हो सकती है।

फिर भी मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीएल केशरवानी का दावा है कि शहर में 80 फीसदी नाले- नालियों की सफाई हो चुकी है। शेष नाले-नालियों की सफाई हफ्ते भर में हो जाएगी। उनका कहना है कि जिन इलाकों में सफाई नहीं हुई है, वहां के लोग कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकते हैं।

नगर आयुक्त द्वारा कुछ नालों की सफाई का टेंडर कराया गया लेकिन कुछ नालो की सफाई के लिए आउटसोर्सिंग से सभी सफाई चौकियों पर नाला गैंग दिया गया। सफाई ठेकेदारों ने टेंडर वाले नालों को भी ठीक से साफ नही कराया। उधर कुछ सफाई चौकियों पर नाला सफाई के लिए जो नाला गैंग भेजा गया। वह दस्तूरी की भेंट चढ़ गया। कुल मिलाकर नाले की -सफाई की व्यवस्था नारकीय है। बरसात मे जनता जल जमाव तय है।-रमज़ान अली, पार्षद वार्ड 80, सदस्य-कार्यकारिणी समिति, नगर निगम वाराणसी।

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