बरेली।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक डॉक्टर को निलंबित कर दिया और चिकित्सा लापरवाही के लिए यहां महाराणा प्रताप जिला अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का आदेश दिया जिसमें कथित तौर पर इलाज से इनकार किए जाने के बाद एक बच्ची की मौत हो गई।
मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) अस्पताल के पुरुष विंग के प्रमुख डॉ. कमलेद्र स्वरूप गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है, जबकि महिला विभाग की प्रमुख डॉ. अलका शर्मा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं, जो कथित रूप से एक बच्चे को भर्ती करने से इंकार कर दिया था जो गंभीर हालत में था।जबकि गुप्ता ने कथित तौर पर एक बच्ची भर्ती नहीं किया और उसे अस्पताल की महिला वार्ड में भेजा था, लेकिन उसे कथित तौर पर पुरष वार्ड में वापस भेज दिया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
मीडिया से बात करते हुए, लड़की की मां सुषमा ने कहा, ‘मेरी बेटी चार दिन पहले सातवें महीने में समय से पहले पैदा हुई थी. वह दूध नहीं पी रही थी. लोगों ने मुझे उसे अस्पताल में भर्ती कराने कहा. जब हम अस्पताल के एक डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने मुझे महिला वार्ड में जाने को कहा. जब मैं वहां गई, तो उन्होंने कहा कि कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं था.’
सुषमा ने यह भी आरोप लगाया कि लड़की के मरने से पहले वह अस्पताल में इधर-उधर 3 घंटे तक भटकने के लिए मजबूर किया गया.
महिला विभाग प्रमुख अलका शर्मा ने दोहराया कि जब पीड़िता ने उनसे मुलाकात की तो कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं था. हमारे पास केवल चार बिस्तर हैं जिन पर आठ बच्चे हैं.
डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘मैंने साफ आदेश दिए हैं कि सभी रोगियों को भर्ती किया जाना चाहिए. वह अस्पताल में भटकती रही, लेकिन आपातकालीन वार्ड में नहीं गई. अगर वह वहां गई होती, तो हम लड़की को बचा लेते.’