राजस्थान में दामोदर सावरकर ‘वीर’ नहीं रहे

जयपुर ।

राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने स्कूली पाठ्य पुस्तकों की विषय वस्तु में कुछ बदलाव किये हैं. अब इन किताबों में सावरकर तो होंगे मगर नाम के साथ वीर नहीं होगा।
इससे पूर्व, बीजेपी सरकार ने भी पाठ्य सामग्री में बड़े परिवर्तन किये थे. कांग्रेस सरकार का आरोप है कि बीजेपी ने गाँधी का महत्व कम करने का प्रयास किया था. बीजेपी कहती है कि कांग्रेस शिक्षा में एक परिवार से आगे नहीं सोचती है।
कोई साल भर पहले पाठ्य पुस्तकों में कुछ और नज़रिया था. अब विद्यार्थियों के हाथों में किताबें तो होंगी मगर कुछ बदली-बदली. छह माह पहले सत्ता में कांग्रेस सरकार ने बारहवीं और दसवीं कक्षा में पढाई जाने वाली इतिहास, समाज, विज्ञान और राजनीति की पुस्तकों में कुछ बदलाव किये हैं।
कक्षा बारह में इतिहास की किताब में सावरकर को पहले भी एक स्वाधीनता सेनानी के रूप में प्रस्तुत किया गया था, मगर अब उनके नाम के साथ जुड़ा वीर शब्द हटा दिया गया है. साथ ही उनके माफ़ीनामे का भी उल्लेख किया गया है. अब वे विनायक दामोदर सावरकर हैं।
नई पुस्तक में सावरकर को जेल में दी गई यातनाओं का जिक्र है पर यह भी बताया गया है कि उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था और एक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आह्वान कर रहे थे. यह भी कि उन पर गोडसे की मदद के भी आरोप लगे, लेकिन आरोप साबित नहीं हुए और उन्हें दोषमुक्त घोषित कर दिया गया।

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