प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (एससीओ) के दौरान शुक्रवार शाम लीडर्स लाउंज में मिले।

बिश्केक (किर्गिस्तान).प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान आखिरकार शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के दौरान शुक्रवार शाम लीडर्स लाउंज में मिले। न्यूज एजेंसी को सूत्र ने बताया कि लीडर्स लाउंज के दौरान दोनों ने एक-दूसरे का हालचाल पूछा। हालांकि, इससे पहले दोनों नेता दो बार आमने-सामने आए, पर मोदी ने इमरान को नजरअंदाज कर दिया। मोदी ने समिट के दौरान अपने भाषण में आतंकवाद के मुद्दे पर नाम लिए बगैर पाकिस्तान को घेरा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता और आतंक का समर्थन करने वालों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है।

एससीओ में मोदी और इमरान गुरुवार को किर्गिस्तान के राष्ट्रपति के अनौपचारिक भोज और समिट में साथ आए, लेकिन मोदी ने इमरान की ओर देखा तक नहीं। भारत कह चुका है कि एससीओ में मोदी और इमरान की बैठक का कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं है। हालांकि, मोदी ने पिछले साल चीन में हुई समिट के दौरान तत्कालीन पाक राष्ट्रपति ममनून हुसैन से हाथ मिलाया था।

मोदी ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता जरूरी।

मोदी ने कहा, ”पिछले दिनों श्रीलंका दौरे पर मुझे आतंकवाद के घिनौने चेहरे का स्मरण हुआ। वह आतंक जो कहीं भी प्रकट होकर मासूमों की जान ले लेता है। इस खतरे से निपटने के लिए सभी मानवतावादी ताकतों को अपने संकीर्ण दायरे से निकलकर एकजुट हो जाना चाहिए।””आतंकवाद को समर्थन और वित्त प्रदान करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। एससीओ अधिकारों के तहत सभी देशों को आतंक के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना चाहिए। भारत आतंकवाद से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आह्वान करता है।””हमारे साझा युग को बेहतर कनेक्टिविटी की जरूरत है, पीपुल कनेक्टिविटी पर भी जोर है। एससीओ देशों के पर्यटकों के लिए भारत जल्द ही हेल्पलाइन जारी करेगा। हमारे लिए शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान अहम है। एससीओ में अफगानिस्तान का रोडमैप तैयार हुआ है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2020 में एससीओ की अध्यक्षता के लिए बधाई।”

भारत-पाक के रिश्ते अभी सबसे निचले स्तर पर: इमरान

बिश्केक जाने से पहले इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि अभी भारत और पाकिस्तान के रिश्ते सबसे निचले स्तर पर हैं। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम चुनावों में मिले बहुमत का इस्तेमाल कश्मीर समेत सभी मुद्दों को हल करने में करेंगे। शंघाई समिट हमारे लिए भारत के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंध बढ़ाने का बेहतर मौका है। पाकिस्तान पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्तों को लेकर किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार रहा है। भारत-पाक के बीच हुए तीन युद्धों से काफी नुकसान हुआ और आज दोनों देश गरीबी से लड़ रहे हैं।

पाकिस्तान वार्ता के लिए आतंकवाद मुक्त माहौल बनाए:भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक में आतंकवाद से लड़ाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान आतंकवाद मुक्त माहौल तैयार करने के लिए ठोस कदम उठाएगा ताकि दोनों देशों के बीच वार्ता फिर शुरू हो सके। पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। भारत पहले ही कह चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती है।

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