कैंप कार्यालय की प्रथा तत्काल बंद कर सभी अधिकारी अपने सरकारी कार्यालय में बैठ कर कार्य करें : मुख्यमंत्री
जिला विद्यालय निरीक्षकों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों और संयुक्त शिक्षा निदेशकों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
सीएम ने कहा – वर्षों से एक ही जगह जमे हुए बाबुओं को तत्काल हटाया जाए, क्योंकि ये बाबू आप लोगों के कैरियर पर दाग लगाने का काम कर रहे हैं
अफसरों को मुख्यालय में बैठने की कोई जरूरत नहीं, फील्ड में जाने की आदत डालें
विद्यालयों में रैंडम चैकिंग और सरप्राइज विजिट जरूर होनी चाहिए, बेसिक शिक्षा अधिकारी रोजाना अपने क्षेत्र के स्कूलों का भ्रमण करे
लखनऊ।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षकों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों और संयुक्त शिक्षा निदेशकों समेत विभाग से जुड़े सभी अफसरों को कहा है कि कैंप कार्यालय की प्रथा तत्काल बंद कर दे। सभी अफसर अपने सरकारी कार्यालय में बैठ कर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वर्षों से एक ही जगह जमे हुए बाबुओं को तत्काल हटाने का कार्य होना चाहिए। क्योंकि ये बाबू आप लोगों के कैरियर पर दाग लगाने का काम कर रहे हैं। समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश के हर विद्यालय में रैंडम चैकिंग और सरप्राइज विजिट जरूर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अफसरों को मुख्यालय में बैठने की कोई जरूरत नहीं है, वे फील्ड में जाने की आदत डालें। बेसिक शिक्षा अधिकरी रोजाना अपने क्षेत्र के स्कूलों का भ्रमण करें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि स्कूलों में बनने वाले मिड-डे मील की समय-समय पर जांच सुनिश्चित की जाए, जिससे उसकी गुणवत्ता और व्यवस्था बेहतर बनी रहे। जनपदों में तैनात विभागीय अधिकारियों को प्रधानाचार्यों, अध्यापकों और अन्य विभागीय कर्मचारियों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए। स्कूल, कालेज और अन्य शिक्षण संस्थानों का निरंतर भ्रमण जरूरी है। इसी तरह आप सभी अफसर प्रधानाचार्यों को बताएं कि साल में दो बार अभिभावकों के साथ मीटिंग जरूर करें। अधिकारी, प्रधानाचार्य और अभिभावकों के बीच जब संवाद स्थापित होगा, लगातार मीटिंग होंगी तो शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार आ सकती है। उन्होंने कहा है कि सैल्फ फाइनांस वाले विद्यालयों और कालेजों का निरीक्षण जरूर होना चाहिए।
*पुरातन छात्र परिषद का गठन जरूर करें*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सभी स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में पुरातन छात्र परिषद का गठन जरूर होना चाहिए। खासकर बेसिक शिक्षा में पुरातन छात्र परिषद का गठन अति जरूरी है। पुराने छात्रों को 15 अगस्त, 26 जनवरी या अन्य किसी कार्यक्रम में आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित करें। इनमें कई आईएएस, पीसीएस, राजनेता, कारोबारी या अन्य नौकरीपेशा होगा, जो आपके स्कूल को अपना समझेगा और स्कूल की सुविधाओं के लिए वह आर्थिक रूप से मदद भी करेगा।
*बिना परमिट के स्कूलों में वाहन न चले, ड्राइवर-कंडक्टर का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि स्कूलों में बिना परमिट के कोई भी वाहन नहीं चलने चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव अनूप चंद्र पाण्डेय को निर्देश दिया है कि स्वयं सभी जिलों के जिला अधिकारियों व पुलिस अफसरों को पत्र लिख कर इस बात को सुनिश्चित करें कि बिना परमिट के कोई वाहन नहीं चल रहे हैं। इसके साथ ही विद्यालयों के वाहन चलाने वाले ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल और कालेज खुलने से पहले यह सभी कार्य एक सप्ताह में हो जाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वे खुद 21 जून से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में निरीक्षण के लिए निकलेंगे। इस दौरान वे स्कूलों का भी औचक निरीक्षण करेंगे। इसलिए शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पड़ते सभी स्कूलों की साफ-सफाई और अन्य कार्य बेहतर करें।
*ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद जरूरी*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षा में व्यापक परिवर्तन लाने के लिए अधिकारियों को ग्राम पंचायत से लेकर ब्लाक, तहसील और जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद जरूरी है। इसमें ग्राम प्रधान, विधायक, बीडीसी मैंबर, सदस्य, विधायक, सांसद और समाज सेवक भी हो सकते हैं। इन सभी से लगातार संपर्क कर संवाद और बैठक जरूर किया जाना चाहिए।
*विगत दो वर्षों में बहुत कुछ बदला है, इसे और बेहतर किया जा सकता है*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विगत दो वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव हुआ हैं। यह बदलाव बड़ा ही सकारात्मक है। प्रदेश के स्कूलों में 1.56 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं। इन्हें यूनीफार्म, जूते, किताब, स्वेटर और मिड-डे मील उपलब्ध करवाने में सरकार काफी सफल हुई है, इसमें और बेहतर करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों में हमने 46 हजार शिक्षकों की भर्ती की, 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। कायाकल्प योजना के तहत 90 हजार विद्यालयों में व्यापक सुधार हुआ है।
*माध्यमिक शिक्षा में हमने नकल विहीन परीक्षा के लिए सख्त कदम उठाए*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हम पहले ही दिन से जीरो टालरेंस पर काम कर रहे हैं। उसमें शिक्षा की गुणवत्ता से कोई भी समझौता हमारी सरकार नहीं करने वाली है। माध्यमिक शिक्षा में हमने नकल विहीन परीक्षा के लिए सख्त कदम उठाए। हम छात्रों के भविष्य के साथ कतई खिलवाड़ नहीं होने देंगे। हमने नकल विहीन परीक्षा को लेकर सख्ती की, इससे नकल माफिया को खत्म किया गया। सरकार ने शैक्षिक कलैंडर बनाकर शिक्षा क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन लाने में सफलता हासिल की है।
*हमने अवकाश में कटौती की, दूसरे प्रदेश की सरकारों ने इसे अडाप्ट किया*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमने शिक्षा संस्थानों में होने वाले अवकाश में कटौती की। जिससे कई महापुरुषों और अन्य खास दिनों के अवकाश बंद किए गए, जिससे स्कूल और कालेजों में अध्ययन के समय ज्यादा मिलने लगे। उत्तर प्रदेश सरकार के इस अभियान को दूसरे प्रदेश की सरकारों ने भी अपनाया है। आज उत्तर प्रदेश की तरह दूसरे प्रदेश के स्कूलों में होने वाली छुट्टियों में कटौती की गई है।
*अवकाश के दिन विद्यालय के कार्यालय बंद नहीं होने चाहिए*
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवकाश के दिन भले ही शैक्षिक कार्य बंद रहें, लेकिन विद्यालय के कार्यालय बंद नहीं होने चाहिए। जिस दिन शैक्षिक कार्य नहीं होते हैं, उस दिन स्कूल और कालेज के प्रधानाचार्यों को चाहिए कि वह अभिभावकों के साथ मीटिंग करे। उनसे संवाद स्थापित करे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राइवेट स्कूल 20 जून के बाद खुल जाएंगे, जबकि सरकारी स्कूल 1 जुलाई के बाद खुलेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल भी 25 जून को खुल जाएं, बच्चे भले ही 1 जुलाई से आएं।