नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए किर्गिस्तान रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी SCO सम्मेलन से इतर कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता। दरअसल, भारत मध्य एशियाई देशों के साथ आगे बढ़ने के तौर पर इसे अवसर के रूप में लेगा। द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत का रणनीतिक गणना के दृष्टिकोण से इस क्षेत्र के महत्व को हाइलाइट किया जाएगा।
किर्गिज राष्ट्रपति व पीएम मोदी के बीच आधिकारिक वार्ता
पीएम मोदी ने बिश्केक रवाना होने से पहले एक बयान जारी करते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा स्थिति, बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों के संपर्क बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। इस सम्मेलन से इतर मेरी कई नेताओं से मुलाकात करने और द्विपक्षीय बातचीत करने की भी योजना है।’ मेजबान किर्गिस्तान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में किर्गिज़ गणराज्य की अध्यक्षता को पूर्ण सहयोग दिया है। मोदी ने आगे कहा कि किर्गिज़ गणराज्य के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर मैं SCO शिखर सम्मेलन के समापन के बाद 14 जून 2019 को किर्गिज़ गणराज्य की आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता करूंगा।
दोनों देशों के बीच हो सकते हैं अहम करार
किर्गिस्तान और भारत के बीच इस दौरे में कुछ अहम करार हो सकते हैं। मध्य एशियाई देशों के साथ संपर्क बढ़ाने व कारोबार को गति देने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। किर्गिस्तान में भारत के राजदूत आलोक डिमरी ने बताया कि भारत और किर्गिस्तान के रिश्ते एतिहासिक व मजबूत हैं। हम एक-दूसरे से दूर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किर्गिस्तान पीएम मोदी के दौरे को लेकर काफी उत्साहित है और भारत से काफी उम्मीदें भी है। किर्गिस्तान के राष्ट्रपति पीएम मोदी को एक ग्लोबल लीडर के रूप में देखते हैं। बता दें कि पीएम मोदी चार साल बाद किर्गिस्तान की यात्रा कर रहे हैं। इससे पहले 2015 में किर्गिस्तान का दौरा किए थे। किर्गिस्तान का राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव अभी 10 दिन पहले ही पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत आए थे। डिमरी ने बताया है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा व करार होने की संभावना है। पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले अपने बयान में इस बात के संकेत दिए थे कि किर्गिस्तान के साथ रक्षा, सुरक्षा, कारोबार और निवेश समेत कई क्षेत्रों में बातचीत व करार हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों नेता संयुक्त रूप से भारत-किर्गिस्तान बिजनेस फोरम की पहली बैठक को भी संबोधित कर सकते हैं। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने MoU को मंजूरी दी है जिसमें यह बात कही गई है कि दोनों देशों के बीच कानूनी मेट्रोलॉजी से संबंधित सूचना और दस्तावेजों का आदान-प्रदान करेंगे, इस विषय से संबंधित अधिकारियों और गैर-अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करेंगे। दोनों देश शिक्षा के क्षेत्र में अधिक लोगों से अधिक लोगों के आदान-प्रदान और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मौजूदा समय में 9000 भारतीय छात्र किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।