डच एयरलाइंस केएलएम ने डेल्फ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर वी-शेप एयरक्राफ्ट तैयार किया

नई दिल्ली।डच एयरलाइंस केएलएम ने डेल्फ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर वी-शेप एयरक्राफ्ट तैयार किया है, यह दिखने में काफी हद तक गिबसन गिटार जैसा लगता है। इसे फ्लाइंग-वी एयरक्राफ्ट नाम दिया गया है, इसकी खास बात यह है कि यात्री इसके पंखों में बैठकर सफर करेंगे, जो पारंपरिक ढांचे से बिल्कुल अलग है।

इसके निर्माताओं का कहना है कि यह विमान ऊर्जा की काफी बचत करेगा। यह काफी हल्का है और इसके ऐरोडायनामिक आकार की वजह से यह लंबी दूरी तय करने के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। इस खास तरह के फ्लाइंग-वी एयरक्राफ्ट के डिजाइन के पीछे टीयू बर्लिन के छात्र जसटस बेनाड की सोच है, जिसने 2015 में अपनी थिसिस प्रोजेक्ट के वक्त इस भविष्य के एयरक्राफ्ट को डिजाइन किया था।

काफी है यात्रियों के बैठने की क्षमता : केएलएम एयरलाइंस का कहना है कि यह दिखने में भले ही एयरबस ए350-900 से छोटा और हल्का है लेकिन यह प्लेन ए350 जितना ही लगेज (1603 कार्गो स्पेस) और यात्रियों (314 पैसेंजर) को लेकर उड़ान भरने में सक्षम है। केएलएम के मुताबिक यह ऊर्जा की बचत करने में सक्षम है। इसके एरोडायनामिक आकार और हल्के होने के कारण यह वर्तमान के सबसे आधुनिक एयरक्राफ्ट ए350 से 20% कम ईंधन की खपत करता है।

हल्का बनाया गया डिजाइन : इसके अंदर के डिजाइन जैसे सीट, बाथरूम के साथ बाकी चीजों को भी खासतौर से हल्का बनाया गया है, जिससे नए आकार में डिजाइन किए गए इस एयरक्राफ्ट को अधिकतम ऊर्जा की बचत करने वाला बनाया जा सके। इसके डिजाइन में एयरबस ए350 की झलक देखने को मिलती है। इसमें भी 213 फुट लंबे पंख है, इस विमान में बैठने की जगह पंखों में ही दी गई है।

केरोसीन से भी चल सकेगा
कंपनी का कहना है कि वी-शेप डिजाइन के बावजूद यह एयरपोर्ट का मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे गेट और रन-वे का इस्तेमाल करेगा। नए फ्लाइंग-वी में वर्तमान का सबसे ज्यादा ईंधन की बचत करने वाला टर्बो-फैन इंजन है, यह केरोसीन से भी चल सकता है।हिंदुस्तान के सौजन्य से खबर।

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