नई दिल्ली सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अजीम प्रेमजी ने गुरुवार को कहा कि कंपनी की अगुवाई करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा। उन्होंने भरोसा जताया कि उनका बेटा कंपनी को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा। बताते चले कि
आईटी कंपनी विप्रो में अब बेटे के आगे बढ़ने का समय आ गया है। बदलाव की यह उम्मीद पहले से थी और करीब एक दशक पहले ही यह तय हो गया था कि विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी के बेटे रिशद प्रेमजी कंपनी की कमान संभालेंगे। अजीम प्रेमजी 30 जुलाई को विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 50 साल तक कंपनी की बागडोर संभालने के बाद प्रेमजी जुलाई अंत में अपने बेटे रिशद प्रेमजी को कंपनी की कमान सौंपेंगे।
हालांकि, वह जुलाई 2024 तक गैर-कार्यकारी निदेशक बने रहेंगे और कंपनी के संस्थापक चेयरमैन भी रहेंगे। रिशद वर्तमान में विप्रो के मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मंडल के सदस्य हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज अजीम प्रेमजी ने गुरुवार को कहा कि कंपनी की अगुवाई करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा। उन्होंने भरोसा जताया कि उनका बेटा कंपनी को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा।
★ कौन हैं प्रेमजी जूनियर?
प्रेमजी जूनियर ने हावर्ड बिजनस स्कूल से बिजनस की डिग्री हासिल की है और उन्होंने विप्रो में कई फैसले लिए हैं। इन्वेस्टर रिलेशंस ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स के मुखिया और चीफ सेक्रेटरी ऑफिसर के तौर पर विप्रो की रणनीतियों को बिजनस की आगामी जरूरतों के हिसाब से ऐक्टिव रहे हैं। इसके अलावा 100 मिलियन डॉलर वाले विप्रो वेंचर्स को स्थापित करने का भी श्रेय जाता है। रिशद अभी तक ट्रेड बॉडी नैसकॉम के चेयरमैन थे, जहां उन्होंने भारत की 170 बिलियन डॉलर वाली सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को आगे बढ़ने में मदद की।
रिशद ने ऐसे समय में विप्रो का कार्यभार संभाला है जबकि भारतीय आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री चुनौतियों का सामना कर रही है। इनमें तेजी से उभर रही टेक्नॉलजीज जैसे क्लाउड और ऐनालिटक्स शामिल हैं। विप्रो की करीबी प्रतिद्वन्दी एचसीएल रेवेन्यू के मामले में पिछले साल देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी के तौर पर उभरी है और इसने इन टेक्नॉलजीज पर काम शुरू कर दिया है।