★ 18 तिमाही के बाद जीडीपी रफ्तार 6 फीसदी से कम, 2 साल बाद चीन से पिछड़े
★ मैन्युफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर और माइनिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन से गिरे आकंड़े
★ वृद्धि दर में गिरावट एनबीएफसी क्षेत्र में दबाव जैसे अस्थायी कारकों से आई: सरकार
★ चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में भी आर्थिक वृद्धि दर अपेक्षाकृत धीमी रहेगी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने शुक्रवार को अपना कामकाज संभाला और इस बीच आर्थिक मोर्चे पर सरकार को पांच साल का सबसे बड़ा झटका लगा। वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5.8 फीसदी पर ठिठक गई। 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर भी घटकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही। 18 तिमाहियों के बाद ऐसा हुआ है कि जीडीपी की रफ्तार 6 फीसदी से कम रही। 2 साल बाद फिर भारत इस मामले में चीन से पिछड़ गया है। आखिर यह नौबत क्यों आई? आगे की राह कैसी है? इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं..
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