पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने हेतु कंपनी 1 से 5 जून तक मनाएगी ‘वुसधा महोत्सव’
सिगरौली।नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के जयंत क्षेत्र में शुक्रवार को “घरेलू कचरों के पुनर्उपयोग” (Reuse of domestic waste) विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य रूप से पर्यावरण संरक्षण हेतु घरों से उत्पन्न कचरों के मैनेजमेंट हेतु उपलब्ध तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में आईआईटी बीएचयू के रसायन अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर पी॰के॰ प्रसाद बतौर मुख्य अतिथि एवं भारतीय बायोगैस असोशिएशन के अध्यक्ष श्री गौरव केडिया बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने हेतु एनसीएल में आगामी 1 से 5 जून तक “वसुधा महोसत्सव” का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत कंपनी में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जयंत में आयोजित कार्यशाला वसुधा महोत्सव से पूर्व ही पर्यावरण संरक्षण का सजग एवं सतर्क संदेश देने की एक अहम पहल है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्री प्रसाद ने अपने उद्बोधन में कहा कि एनसीएल पर्यावरण के क्षेत्र में सदैव सजग रही है एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु नए-नए तकनीकों का प्रयोग किए जाने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि किन तकनीकों के प्रयोग से घरेलू कचरों का निस्तारण होगा और स्वच्छ भारत मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। विशिष्ट अतिथि श्री केडिया ने बायोगैस प्लांट के संचालन की व्यापक जानकारी दी और कचरों से बायोगैस बनाकर बतौर ईंधन इस्तेमाल किए जाने की प्रक्रिया की तफसील से बातचीत की। उन्होंने बायोगैस बताया कि किस तरह से बायोगैस ऐप से जुड़कर अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त बायोगैस प्लांट का चयन कर सकते हैं।
जयंत क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री संजय मिश्रा ने के आयोजन को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता के लिहाज से बेहद अहम बताया। कार्यक्रम में एनसीएल के विभिन्न कोयला क्षेत्रों एवं मुख्यालय के महाप्रबंधकगण, कंपनी के सभी कोयला क्षेत्रों के अधिकारी-कर्मचारी बतौर प्रतिभागी एवं जयंत के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।