जल बचाने का संदेश देता है ज्येष्ठ मास, सूर्यदेव का रोद्र रूप दिखेगा और इसी महीने में आती है निर्जला एकादशी

जीवन मंत्र डेस्क। रविवार, 19 मई से हिन्दी पंचांग का तीसरा माह ज्येष्ठ शुरू हो रहा है। ये माह सोमवार, 17 जून तक रहेगा।इन दिनों में सूर्यदेव रोद्र रूप में रहते हैं, इस कारण इन दिनों में गर्मी काफी अधिक रहती है। हर साल चैत्र और वैशाख मास में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती है और ज्येष्ठ में चरम पर आ जाती है। इसी माह में शनिवार, 25 मई से नवतपा शुरू हो रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए ज्येष्ठ मास से जुड़ी खास बातें…ज्येष्ठ मास से जुड़ी खास बातें

जल बचाने का संदेश देता है ये माह ज्येष्ठ मास में सूर्य अपने रोद्र रूप में होता है, इस कारण पृथ्वी से जल का वाष्पीकरण बहुत तेजी से होता है। कई नदियां और तालाब इस माह में सूख जाते हैं। जल की कमी आने लगती है। ऐसे समय में हमें जल बचाने का संदेश देता है ज्येष्ठ मास। ज्येष्ठ मास में गंगा दशहरा (12 जून) और निर्जला एकादशी (13 जून) जल का महत्व बताने वाले पर्व हैं। गंगा दशहरा पर गंगा और अन्य सभी पवित्र नदियों की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर यानी बिना पानी का व्रत किया जाता है। ये पर्व पानी की कीमत समझाते हैं और जल बचाने का संदेश देते हैं।इस मास में कब कौन से पर्व आएंगे। बुधवार, 22 मई को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। इस दिन गणेशजी की विशेष पूजा की जाती है। शनिवार, 25 मई से नवतपा शुरू हो रहा है। इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है, ऐसे में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गुरुवार, 30 मई को अपरा एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। सोमवार, 3 जून को अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या रहेगा। इस दिन वट सावित्री व्रत रहेगा। गुरुवार, 6 जून को विनायकी चतुर्थी रहेगी। मंगलवार, 11 जून को महेश नवमी है, 12 जून को गंगा दशहरा और 13 जून को निर्जला एकादशी रहेगी। 16 और 17 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है। इस तिथि से ज्येष्ठ मास समाप्त हो जाएगा।

Translate »