झांसी मंडल में लागू हुआ नियम, एसी कोच के यात्रियों को मिलते हैं कंबल, चादर, तकिया
झांसी।ट्रेन के वातानुकूलित कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब स्टेशन आने के आधा घंटा पहले बेडरोल (बिस्तर) जमा करना होगा। रेलवे बोर्ड ने यह फैसला ट्रेनों में बेडरोल की बढ़तीं चोरियों को देखते हुए लिया है। झांसी में रेलवे बोर्ड के आदेश का पालन शुरू हो गया है। स्टेशन आने से पहले कोच अंटेडेंट यात्रियों की सीट पर आकर बेडरोल वापस ले लेगा।
ट्रेन वातानुकूलित कोच (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) में यात्रा करने वाले यात्रियों को रेलवे बेडरोल देता है, जिसमें कंबल के साथ दो चादर और एक तौलिया के साथ तकिया अलग से मिलता है। एसी कोच में सफर करने वाले यात्री बेडरोल, कंबल, चादर चोरी कर ले जाते हैं। रेलवे को हर साल सामान की चोरी से बड़ा नुकसान होता है।
यह सामान्य ट्रेनों समेत शताब्दी, राजधानी, दूरंतो जैसी ट्रेनों में हो रहा है। इस नुकसान से बचने के लिए भारतीय रेलवे ने नियम में बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक अब यात्री सफर खत्म करने तक कंबल और चादर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। कोच अटेंडेंट को निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रियों के उतरने से 30 मिनट पहले ही बेडरोल एकत्रित कर ले। नए निर्देश में यह भी सुझाव है कि अगर बेडरोल की कोई भी चीज गायब होती है तो उसकी भुगतान राशि अटेंडेंट से वसूली जाएगी। झांसी स्टेशन से प्रतिदिन डेढ़ सौ सवारी ट्रेनें निकलती हैं, जिनमें करीब दो हजार झांसी स्टेशन से एसी कोचों में सवार होते हैं।
बढ़ाया जाएगा कोच का तापमान
कोच से कंबल व चादर हटाने के पहले रेलवे जल्द ही कोचों के तापमान भी बढ़ाएगा, ताकि कंबल की जरूरत यात्रियों को महसूस न हो सके। अभी एसी कोच का तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहता है। ऐसे में तापमान बढ़ने के बाद कंबल देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे यात्रियों को राहत भी मिलेगी।
एक नजर
झांसी स्टेशन से रोज दो हजार यात्री करते हैं एसी कोचों में सफर।
सुपरफास्ट व एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रियों को कंबल व चादर दिया जाता है।
गरीबरथ में ऑनलाइन बुकिंग कराने पर ही कंबल, चादर व तकिया मिलता है।
स्टेशन से चलने वाली आठ ट्रेनों में झांसी से ही मिलती है बेडरोल की सुविधा।
“★ ट्रेन में बढ़ती चोरी के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। सफर खत्म होने से आधा घंटा पहले बेडरोल जमा करना होगा। झांसी में आदेश का पालन शुरू हो गया है।
-मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी