★ श्रीलंका में 21 अप्रैल को हुए सीरियल धमाकों में 258लोगों की मौत हुई थी
★ इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने महिलाओं के चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया
★ रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए गए थे कि सीरियल हमलों में कुछ बुर्का पहने महिलाएं भी शामिल थीं
कोलंबो ।
श्रीलंका में पिछले महीने हुए सीरियल धमाकोंके बाद सरकार सुरक्षा मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। सरकार ने शुक्रवार को दिए नए आदेश में कहा कि देश में मौजूद सभी मस्जिदों में जो उपदेश सुनाए जाते हैं, उनकी एक कॉपी जमा कराना जरूरी है। बताया जा रहा है कि आईएस के हमलों की जिम्मेदारी लेने के बाद से ही श्रीलंका मेंइस्लामी कट्टरपंथ खत्म करने के लिए ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं।
श्रीलंका के धर्म और सांस्कृतिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मस्जिदों का इस्तेमाल कट्टरपंथी विचार फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। ऐसे में देश की स्थिति को देखते हुए सभी मस्जिदों के ट्रस्टियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वह मस्जिद को कट्टरपंथी गतिविधि या नफरत फैलाने का केंद्र न बनने दें।
चेहरा ढंकने पर भी लग चुका है प्रतिबंध
इससे पहले श्रीलंका में महिलाओं के चेहरा ढंकने पर भी प्रतिबंध लग चुका है। राष्ट्रपति मैत्रीपालासिरिसेना ने 29 अप्रैल को आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चेहरा ढंकने को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के मुताबिक- प्रतिबंध का ताल्लुक देश की सुरक्षा से है। व्यक्ति का चेहरा ढंका होने से उसकी पहचान में मुश्किल होती है।
चरमपंथियों को खत्म करने के लिए चलाया गयाअभियान
श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट के बाद से ही करीब 10 हजार सैनिक आतंकी ठिकानों की छापेमारी में जुटे थे। श्रीलंकाई पुलिस और सेना ने कहा था कि अब देश पूरी तरह सुरक्षित है। ईस्टर संडे पर हुए सिलसिलेवार धमाकों में शामिल आतंकी या तो गिरफ्तार किए जा चुके हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी है।21 अप्रैल को आतंकियों ने तीन चर्चों, होटलों और दो स्थानों को निशाना बनाया, इसमें 258लोग मारे गए।
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