अस्तित्व में आने के बाद भी पूर्ण क्षमता से संचालित नही हो सका शेल्टर होम

सोनभद्र। समाजवादी सरकार में बनाये गए शेल्टर हाउस को अभी तक जिले की एकमात्र नगर पालिका परिषद पूर्ण क्षमता के अनुरूप संचालित नही कर सका है। पिछले दिनों जिलाधिकारी ने जब आश्रय गृह का निरीक्षण किया तो यह बात सामने आई की अपने निर्माण के बाद अस्तित्व में आये लाखो रुपये की लागत से बने शेल्टर हाउस को सही तरीके से संचालित नही किया जा सका है।

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जिलाधिकारी के निरीक्षण के बाद नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी ने जिले के प्रमुख स्थलों पर होर्डिंग लगाने और स्वास्थ्य विभाग सहित रोडवेज और रेलवे स्टेशन अधीक्षक को पत्र लिखकर आश्रय गृह के योग्य यात्रियों व मरीजो को भेजने का निवेदन किया है ताकि इसे पूर्ण क्षमता के अनुरूप चलाया जा सके और दूर दराज से आने वालों को इस चिड़चिड़ाती धूप में राहत मिल सके।

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इस पर अधिशाषी अधिकारी का कहना है कि पुरानी तहसील व वर्तमान पुलिस चौकी परिसर के पास शेल्टर हाउस यानी आश्रय गृह (रैन बसेरा)  50 बेड का स्थित है जिसके संचालन की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद को है अभी तक यह रैन बसेरा बैगर  प्रसार प्रचार के पूर्ण क्षमता के अनुरूप नही संचालित हो पा रहा था जिसके लिए ऐसे विभाग को पत्र लिखा गया है जहां जरूरत मन्द लोग आते है ताकि ऐसे लोगो को इसका लाभ मिल सके और उन्हें कही भटकना न पड़े।

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सोनभद्र में जिले की एकमात्र नगर पालिका परिषद सोनभद्र में तीन वर्ष पूर्व समाजवादी सरकार में  लाखों की लागत से बने शेल्टर हाउस (रैन बसेरा) को अभी तक नगर पालिका परिषद उसकी क्षमता के अनुरूप संचालित नही कर सका है। जिसे गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने शेल्टर हाउस का निरीक्षण किया था । जिसके बाद सक्रिय हुए नगर पालिका प्रशासन ने रैन बसेरा को क्षमता के अनुरूप चलाने के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। नगर पालिका परिषद के अधिशाषी अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी , परिवहन विभाग के अधीक्षक और रेलवे के स्टेशन अधीक्षक को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि ऐसे लोगो को जो दूर दराज से आये यात्री  है , मरीज लेकर आये लोगो  साथ   रैन बसेरा में भेजने का कार्य करे ।
इस पर अधिशाषी अधिकारी प्रदीप गिरी का कहना है कि नगर पालिका परिषद सोनभद्र में 50 बेड का शेल्टर होम निर्मण हुआ है जिसमे निराश्रित लोगो के रहने और खानपान की निःशुल्क व्यवस्था है ।जिसका विगत दिनों जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया था जो व्यवस्थाओं से तो सन्तुष्ट दिखे और निर्देश दिया था कि इसको पूर्ण क्षमता के अनुरूप चलाया जाए। इसके लिए नगर पालिका प्रशासन ने सीएमओ , सीएमएस , रोडवेज के अधीक्षक और रेलवे सोनभद्र के स्टेशन अधीक्षक को इस आशय से पत्र लिखा है कि उनके पास ऐसे लोग जो निराश्रित है उनको रैन बसेरा भेजे ताकि उनको यहां दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके । इसके साथ ही नगर के प्रमुख स्थलों पर रैन बसेरा के लिए प्रचार प्रसार किया गया है।

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