पंड्या और राहुल तो अब बस उम्मीद ही रख सकते है

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खेल डेस्क. हार्दिक पंड्या और केएल राहुल का भविष्य अधर में है। वजह- करन जौहर के चैट शो में उनके गलत बयान (इनमें से ज्यादातर बयान हार्दिक के ही थे)। नतीजा- दोनों खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज से तो बाहर हो ही गए हैं, साथ ही जांच पूरी होने तक भी सस्पेंड रह सकते हैं। यानी, दोनों की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं। कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) ने जांच कमेटी गठित की है। इस जांच कमेटी के सामने हार्दिक और राहुल को पेश होना है। जांच एक हफ्ते में पूरी होनी है। इसके बाद ही दोनों की सजा पर तस्वीर साफ हो पाएगी।

दोनों खिलाड़ियों के लिए बेहतर तो यही होगा कि उन्हें फटकार और जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाए। इस स्थिति में वे न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे- टी20 सीरीज में शामिल भी हो पाएंगे। अगर ये नरमी नहीं बरती गई तो स्थिति खराब हो सकती है। एक संभावना ये भी है कि जांच समिति पंड्या और राहुल पर दो महीने का प्रतिबंध लगा दे। ऐसा हुआ तो दोनों के वर्ल्ड कप टीम में शामिल होने की उम्मीदें भी धुंधली होंगी क्योंकि टीम मैनेजमेंट जल्द से जल्द वर्ल्ड कप की टीम फाइनल कर लेना चाहता है।

पंड्या की फिटनेस पर संदेह बरकरार
पंड्या तो यूं भी अभी-अभी चोट से उबरे हैं तो जाहिर है कि उनकी फॉर्म और फिटनेस पर एक संदेह बरकरार है। वहीं, केएल राहुल की मौजूदा फॉर्म भी बेहद खराब रही है। उनके लिए टीम में स्थान बरकरार रख पाना मुश्किल हो रहा है। सीओए की सदस्य डायना एडुल्जी कह चुकी हैं कि कमेटी हर स्थिति पर विचार करने के लिए तैयार है क्योंकि खेल और भारतीय क्रिकेट किसी भी खिलाड़ी से ऊपर है।

हार्दिक

चैट शो में शामिल होने से नहीं रोका जाना चाहिए
पूरे विवाद के बाद कई तरह की थ्योरी आ रही हैं। ये भी कहा जा रहा है कि खिलाड़ियों की बेहतर मेटरिंग की जरूरत है ताकि वे जानें कि कैसी बातें करनी हैं, कैसी नहीं। लेकिन मेरा मानना है कि इस तरह की मेंटरिंग 15 से 21 साल के खिलाड़ियों के लिए ही कुछ कारगर हो सकती है, उससे ज्यादा उम्र के खिलाड़ियों के लिए नहीं। मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं कि खिलाड़ियों के चैट शो में जाने पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। ये फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के खिलाफ होगा और लीगल तौर पर भी ठीक नहीं होगा।

मी-टू कैंपेन के बाद इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं
दरअसल, दिक्कत ये तो है ही नहीं कि दोनों खिलाड़ी किसी चैट शो पर गए। विवाद तो उनकी विवादित बातों पर है। हार्दिक पंड्या का रवैया मैदान पर और मैदान के बाहर एग्रेसिव रहता ही है, लेकिन बड़ी बातें करना और बुरी, असंवेदनशील बातें करने में अंतर होता है। हालांकि कमेटी को ये तय करना चाहिए कि इस पूरे प्रकरण में राहुल की कितनी भूमिका है। मी-टू कैंपेन के आने के बाद से इस तरह के व्यवहार को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है और संवेदनशीलता भी बढ़ी है। हार्दिक पंड्या और केएल राहुल तो अब बस उम्मीद ही रख सकते हैं।

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Ayaz Memon analysis on hardik-rahul controversy

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