हैदराबाद. इंडियन प्रीमियर लीग(आईपीएल)में सोमवार रात खेले गए एक मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद ने किंग्स इलेवन पंजाब को 45 रन से हरा दिया। मैच में एक बार फिर पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन चर्चा में रहे। दरअसल, अश्विन ने पॉवरप्ले के पांचवे ओवर में हैदराबाद के बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को दो बार उसी ‘मांकडिंग’ तरीके से आउट करने की कोशिश की जो वो कुछ दिन पहले राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर के खिलाफ इस्तेमाल कर चुके हैं। हालांकि, इस बार अश्विन सफल नहीं हुए, क्योंकि दोनों बार साहा सतर्क थे।
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अश्विन ने टॉस जीता और हैदराबाद को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया। डेविड वॉर्नर और साहा ने तेज शुरुआत की। वॉर्नर ने पहले दो ओवर में 20 रन बनाए। इसके बाद साहा ने मोर्चा संभाला। दोनों ने पॉवरप्ले में इस सीजन का सबसे ज्यादा स्कोर बनाया। साहा ने 13 गेंद पर 28 रन बनाए। हैदराबाद की तेज शुरुआत से अश्विन परेशान नजर आए। पांचवे ओवर में दो बार उन्होंने साहा को ‘मांकडिंग’ से आउट करने की कोशिश की लेकिन शायद साहा उनके इरादों को भांप चुके थे। इसीलिए दोनों बार हैदराबाद का यह विकेट कीपर बल्लेबाज क्रीज में लौट आया। अंपायर एस. रवि किसी भी विवाद से बचने की कोशिश करते दिखे और इसीलिए उन्होंने अश्विन को पास बुलाया और उनसे बातचीत की।
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26 मार्च को राजस्थान रॉयल्स के ओपनर जोस बटलर को अश्विन ने इसी मांकडिंग तरीके से आउट किया था। बता दें कि मांकडिंग नियम क्रिकेट में लागू तो होता है लेकिन इसे खेल भावना के विपरीत आचरण माना जाता है। जब गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकिंग एंड का बल्लेबाज क्रीज से बाहर निकल जाता है और बॉलर अपना हाथ रोककर उस छोर की गिल्लियां गिरा देता है तो इसे मांकडिंग कहा जाता है। आईपीएल में इस तरह से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज जोस बटलर ही थी।
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बात 13 दिसंबर 1947 की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को इसी तरह से आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया। क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।
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