डांस का ही रूप है कार्डियो और स्क्वाट्स, कोरियाेग्राफर से जानिए डांस और फिटनेस का कनेक्शन

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लाइफस्टाइल डेस्क. अमेरिकन काउंसिल ऑफ एक्सरसाइज के अनुसार जॉगिंग के बजाय अगर रोज डांस किया जाए तो शरीर को सुडौल बनाए रखना आसान होता है। सिर्फ वेट लॉस ही नहीं बल्कि अपनी स्ट्रेंथ और शरीर का लचीलापन बढ़ाने के लिए भी डांस एक बेहतरीन माध्यम है। यहां बताए जा रहे हैं 5 ऐसे डॉस फॉर्म जो आपको जिम के एक जैसे रुटीन से बचाएंगे और रखेंगे फिट एंड फाइन।

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    • डिस्को डांसिंग के शुरुआती दौर में हाई एनर्जी फ्री स्टाइल डांसिंग को बढ़ावा मिला। 1970 के शुरुआती दौर में स्ट्रीट कॉर्नर और सोशल गेट टूगेदर में इसे करने का ट्रेंड चला। डांस के कई रूपों को मिक्स एंड मैच करके किए जाने वाला यह डांस अलग अलग मूव्स और स्टेप्स को मिलाकर किया जाता है।
    • कैलोरी बर्न : आधे घंटे तक इसे करने से 250 कैलोरी बर्न हाेती हैं।
    • फायदा : यह डांस का सबसे सरल रूप है। जिन लोगों को डांस करना नहीं आता, वे भी इसे करें तो कुछ ही समय में फायदा नजर आने लगता है। इसे हर उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए भी फ्री स्टाइल डांस लाभकारी है। यह आपको ऊर्जावान रखने और लचीलापन बढ़ाने में भी मदद करता है।
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    • ब्रेक डांस और फंकी स्टाइल में किया गया ये डांस एक हाई इंटेंसिटी वर्कआउट है। इसे 1970 से 1985 के बीच बढ़ावा मिला। हरलेम शेक, स्नैप डांस और गेंगस्टा वॉकिंग हिप हॉप की मुख्य स्टेप्स में से एक हैं। इस स्ट्रीट डांस के तौर पर शोहरत हासिल है।
    • कैलोरी बर्न : एक घंटे करने से 388 कैलोरी बर्न हाेती हैं।
    • फायदा : हिप्स, एब्स, कमर और पैरों की मांसपेशियों को टोंड करता है। इस वार्म अप एक्सरसाइज से आपकी चाल और उठने-बैठने का तरीका सही रहता है। यह डांस कोर स्ट्रेंथ बढ़ाकर सिक्स पैक एब्स बनाने में मदद करता है। जिन लोगों को नींद न आने की समस्या हो, वे अगर इसे करें तो नींद अच्छी आने लगती है।
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    • पेट और कमर के हिस्सों को एक ताल में हिला कर किए जाने वाले इस डांस के लिए ज्यादा स्टेमिना की जरूरत होती है। इसे करने की शुरुआत मिस्र और अरब में हुई। इस अरेबिक डांस में पहनावा और डांस के स्टेप्स जगह के अनुसार बदलते रहते हैं।
    • कैलोरी बर्न : 60 मिनट करने से 207 कैलोरीज बर्न होती हैं।
    • फायदा : पोश्चर सुधारने के लिए इसे करना चाहिए। एब्स, थाईज और पैरों की मसल्स को मजबूत बनाने के लिए बैली डांसिंग करें। जिन लोगों को कमर और पीठ में दर्द रहता है, वे अगर इसे रोज करें तो फायदा होता है। इसे करने से रक्त प्रवाह तेज होता है और शरीर के हर अंग तक रक्त प्रवाह सही तरीके से होता है। यह तनाव कम करने में भी मदद करता है।
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    • यह एरोबिक डांस है जो साउथ अफ्रीकी धुन पर बना है। इसे नियमित रूप से करने वाले लोगो के लिए कुछ प्रोग्राम डिजाइन किए गए हैं। जो लोग इसे शुरुआत में सीखते हैं, उनके लिए जुम्बा गोल्ड परफेक्ट है। इसी तरह जुम्बा बेसिक स्टेप वन सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। वहीं अक्वा जुम्बा स्वीमिंग पुल में किया जाने वाला वर्कआउट है।
    • कैलोरी बर्न : एक घंटे जुंबा करने से 400 से 600 कैलोरीज बर्न होती हैं।
    • फायदा : इसे करने से दिल की बीमारियां, मोटापा, थायरॉयड आदि बीमारियों की संभावना कम होती है। इससे तनाव दूर होता है और फोकस बढ़ता है। यह आपकी एक्टिवनेस बढ़ाने में मदद करता है। जुम्बा करते हुए गहरी सांस ली जाती है जो फेफड़ों के लिए फायदेमंद है। यह आपका ब्लड प्रेशर सही करता है और बोन डेंसिटी बढ़ाता है।

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    • भांगड़ा टीम के साथ मिलकर किया जाने वाला डांस फाॅर्म है जिसे टीम के हर सदस्य के साथ कोऑर्डिनेट करके और ढोल, चिमटा, इकतारा व ढपली जैसे म्युजिक इंस्ट्रुमेंट के साथ किया जाता है। पंजाबियों द्वारा अपनी खुशी का इजहार करने के लिए किया जाने वाला धमाल, झूमर, लुद्दी, गिद्धा, गटका और सामी भी भांगड़ा के ही रूप हैं।
    • कैलोरी बर्न : एक घंटे भांगड़ा करने से लगभग 700 कैलोरीज बर्न होती हैं।
    • फायदा : इसे करते हुए पैरों के मूवमेंट से शरीर के निचले हिस्से जैसे कमर, जांघों और पिंडलियों को मजबूती मिलती है। इससे पोश्चर सुधरता है और एब्स मजबूत होते हैं। मांसपेशियों की मजबूती के लिए भी यह फायदेमंद है। हाथों को तेजी से चलाने से आपके कंधे और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह मन को शांत रखने के लिए भी किया जाता है।
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      International Dance Day 2019 cardio and squats are one kind of dance

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