सोनभद्र । लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 19 मई को होने वाले मतदान के लिए आज से नामांकन पत्रों के मिलने व दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। राबर्ट्सगंज सुरक्षित सीट 80 से चुनाव लड़ने के लिए पहले दिन कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया। हालांकि तीन निर्दलियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कुल 13 दावेदारों ने नामांकन पर्चा लिया। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी एवं उनके प्रतिनिधि सहायक अभिलेख अधिकारी ने सभी को कुल 26 सेट में पर्चा दिया। इस दौरान सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी।
22 से 29 अप्रैल तक होने वाले नामांकन के लिए निर्धारित समय सुबह 11 बजे से तीन बजे तक कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी न्यायालय कक्ष में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सघन तलाशी और जांच के बाद जब दावेदार या उनके खास लोग वहां पहुंचते तो जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल व उनके प्रतिनिधि के रूप में सहायक अभिलेख अधिकारी राजकुमार ने नामांकन पत्र दिया। इस दौरान किसी ने एक सेट में तो किसी ने दो सेट में नामांकन पत्र लिया। तीन बजे तक कुल 13 लोगों ने 26 सेट में पर्चा लिया। हालांकि नामांकन किसी ने नहीं किया। इसमें तीन निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए पर्चे लिए गए। नामांकन पर्चा लेने के दौरान वहां पहुंचने वालों की गतिविधि को वीडियो कैमरे में रिकार्ड कराया गया। इन लोगों ने लिया नामांकन पत्र
पहले दिन कुल 13 लोगों ने नामांकन पत्र लिया। निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक सीपीआइ के अशोक कुमार कन्नौजिया ने चार सेट, कांग्रेस के भगवती प्रसाद चौधरी, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की रूबी प्रसाद ने सर्वाधिक तीन-तीन सेट में नामांकन पर्चा लिया। इसी तरह भारतीय जन क्रांति दल के अमित कुमार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कैलाश नाथ कोल, जेडीयू की अनिता कोल, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के एसआर दारापुरी ने दो-दो सेट में नामांकन पर्चा लिया। आरपीआइ (ए) के सुनील कुमार, भारतीय गांधीवादी पार्टी के संतोष कुमार खरवार, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के धर्मेंद्र ने एक-एक सेट में पर्चा लिया। निर्दलीय दावेदारों में प्रभुदयाल ने दो, संदीप कुमार ने एक व राम गोविद ने दो सेट में नामांकन पर्चा लिया। चप्पे-चप्पे पर रही सुरक्षा की व्यवस्था
नामांकन पत्रों के मिलने व दाखिला के लिए कलेक्ट्रेट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। यहां वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर बने पहले गेट पर पुलिस व पीएसी के जवान लगे थे। इसके अलावा आधा दर्जन निरीक्षक व उपनिरीक्षक, सीओ की ड्यूटी लगाई गई थी। यहां से कलेक्ट्रेट की तरफ जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही थी। आमजन को यहां से आगे नहीं जाने दिया जा रहा था। इसके बाद दूसरा बैरियर खनिज विभाग के कार्यालय के पास लगा था यहां भी जांच के बाद आगे भेजा जा रहा था। मुख्य गेट पर मेटल डिटेक्टर के माध्यम से जांच की जा रही थी। यहां निरीक्षक, उपनिरीक्षक, महिला पुलिस भी तैनात थी। एलआइयू के लोग भी यहीं पर तैनात थे। आगे जाने पर जिलाधिकारी न्यायालय कक्ष तक पहुंचने के लिए बैरिकेडिग के बीच से होकर गुजरना था। पहुंचने के बाद वहां भी एक दर्जन पुलिस कर्मियों के साथ ही एक निरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई थी। संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई। ..जब कर्मचारियों व पुलिस ने हुई झड़प
सुबह दस बजे कलेक्ट्रेट और विकास भवन में काम करने वाले कर्मी अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे। इसी दौरान वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि अंदर उसी को जाने दिया जाएगा जिसके पास संबंधित विभाग का पास होगा। उसमें कई कर्मी ऐसे थे जो पास घर छोड़ आए थे। इसके अलावा कुछ विभागों में काम करने वाले ऑपरेटर एवं अन्य संविदा कर्मी जिनका कोई पहचान पत्र नहीं बना है, आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम करने वाले कर्मी नहीं जा पा रहे थे। इस दौरान पुलिस कर्मियों व कलेक्ट्रेट, विकास भवन जाने वालों में हल्की झड़प भी हुई। बाद में एडीएम योगेंद्र बहादुर सिंह ने मामले को हल कराया। हालांकि करीब 12 बजे के बाद यहां से कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट तक जाने वालों को छूट दे दी गई। पुलिस कर्मी पास के छांव में आराम करते नजर आए। आम जनता के लिए बंद हो गए थे रास्ते
सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कलेक्ट्रेट या विकास भवन जाने के लिए आम जनता के लिए रास्ता बंद कर दिया गया था। यहां पुलिसकर्मी यह कहते नजर आ रहे थे कि अधिकारियों का आदेश नहीं है। इसलिए नामांकन करने या नामांकन पत्र लेने वाले के अलावा किसी को जाने नहीं दिया जाएगा। इस बात को लेकर आमजन में काफी नाराजगी देखने को मिली। हालांकि काफी देर के बाद अधिकारियों ने आम जनता को जाने की इजाजत दी तब लोग अपने-अपने काम के लिए पहुंचे।