साइंस डेस्क. दुनिया के सबसे मोटे और दुर्लभ तोते कहे जाने वाले काकापो ने ब्रीडिंग सीजन में रिकॉर्ड बनाया है। न्यूजीलैंड के वैज्ञानिक डॉ. डिग्बी के मुताबिक, हाल ही में इस खास प्रजाति ने249 अंडेदिए हैं जिनमें से अब तक 89 चूजे पैदा हो चुके हैं। इन्हें बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और ब्रीडिंग के दौरान इनकी खास देखरेख की जा रही है।
‘काकापो’ का मतलब होता है रात में दिखने वाले तोते। ये जिस द्वीप पर होते हैं वह परभक्षीमुक्त कहलाता है। ये काफी दुर्लभ प्रजाति है और माना जा रहा थाकि इनकी संख्या यूं ही घटती गई तो 50 सालों बाद ये विलुप्त हो जाएंगे।नर तोते का वजन करीब 4 किलो होता है जिसे देखकर मादा उसे मेटिंग के लिए अपनाती है।
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न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों का कहना है जलवायु परिवर्तन तोतों की इस प्रजाति के लिए काफी फायदेमंद साबित हुई है। जिसके कारण ब्रीडिंग सीजन में इनके मेटिंग के मामले ज्यादा देखे गए। इससे इनकी संख्या बढ़ने में मदद मिलेगी। 1970 में ऐसे 147 तोतों को खोजा गया था, इनका रंग हरा, पीला और काला था।
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डॉ. डिग्बी के मुताबिक, यह तोतों की खास किस्म है जिसमें ब्रीडिंगप्रक्रिया पर मादा ताेते का नियंत्रण रहता है। इनकी मेटिंग हर दो या चार साल में एक बार होती है। ब्रीडिंग सीजन के समय मादा अपना पार्टनर चुनती है। मेटिंग के बाद नर तोते से सम्बंध खत्म हो जाता है और तोतों का जन्म होने तक उसे घोसले से बाहर कर दिया जाता है।
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डॉ. डिग्बी कहते हैं इस बार मेटिंग के मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन इसका एक और प्रमुख कारण भी है। इनकी मेटिंग न्यूजीलैंड में लगे रिमू के पेड़ों पर हुई है जिसके फलविटामिन-डी से भरपूर होते हैं। विटामिन-डी का सीधा जुड़ाव फर्टिलिटी और सेहत से होता है।
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डॉ. डिग्बी के कहते हैं, रिमु के पेड़ों में भी इस साल काफी अच्छी पैदावार देखी गई है। जलवायु परिवर्तन और तापमान में बदलाव पेड़ों में फलों की बंपर पैदावार का कारण हो सकता है। जिसका असर तोतों की संख्या पर भी पड़ा है।
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काकापो की संख्या बढ़ाने का प्रोजेक्टकाफी ध्यानपूर्वक चलाया जा रहा है। हर तोते के शरीरमें रेडियाे ट्रांसमीटर लगाया गया है ताकि इनकी मॉनिटरिंग की जा सके। डॉ. डिग्बी के मुताबिक, वर्तमान में 50 मादा हैं जिनमें से 49 ने मिलकर 249 अंंडे दिए हैं। जिनमें से 89 तोतों का जन्म हो चुका है।