सोनभद्र। शुद्ध पेयजल तथा जल संरक्षण के लिए समयबद्ध तरीके से कारगर कदम उठायें जाय। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन के समूहों को प्रशिक्षित करके आई.आई.टी. इंजीनियर द्वारा सस्ता व सरल तैयार किये गये फिल्टर के प्रयोग से शुद्ध पेयजल के इस्तेमाल पर जोर दिया जाय तथा मनरेगा के तहत जल संरक्षण के निमित्त कम से कम दस हजार छोटे-बड़े तालाबों का सुदृढ़ीकरण कराकर जिले के वर्षाजल को ज्यादा से ज्यादा संरक्षित किया जाय। प्रशिक्षण प्राप्त कर नई ऊर्जा के साथ एनआरएलएम के समूहों के पदाधिकारी अपने दायित्वों को निभायें। उक्त बातें जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने शुद्ध पेयजल व मनरेगा के तहत दस हजार तालाब खुदवाकर वर्षाजल को संरक्षित करते हुए मानव व पशु पेयजल तथा खेती-बारी के सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था सम्बन्धी समीक्षा बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहीं। जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले साल जिले में एक हजार तालाबों का सुदृढ़ीकरण/खुदाई का नतीजा है कि जिले में जल संरक्षण की वजह से अभी भी ज्यादातर हैण्डपम्पों में पानी की उपलब्धता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शुद्ध पेयजल के साथ ही जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाय। जिले में आगामी बरसात का पानी संचित करने के निमित्त दस हजार छोटे-बड़े तालाबों की खुदाई/मरम्मत करायी जाय। उन्होंने कहाकि जिले के लघु व सीमांत किसानों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के खेतों में मनरेगा के तहत उपयुक्त एक-एक तालाब खुदाई कराने के लिए कार्य नियमानुसार कराया जाय, जिससे जिले में जल संरक्षण करके सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध रहें। उन्होंने कहाकि आई.आई.टी.इंजीनियर बॉम्बे की सरल व सस्ती तकनीक द्वारा काफी कम पैसे में तैयार किये गये शुद्ध पेयजल फिल्टर को देखा और कहाकि इस तकनीक को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन के समूहों को जानकारी देने के लिए प्रषिक्षण देकर स्थानीय स्तर पर तैयार कराया जाय, ताकि कम पैसे का फिल्टर सुगमता के साथ नागरिकों को जरूरत के मुताबिक उपलब्ध हो सके। शुद्ध पेयजल व मनरेगा के तहत जल संरक्षण सम्बन्धी समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी श्री अंकित कुमार अग्रवाल के अलावा जिला विकास अधिकारी श्री रामबाबू त्रिपाठी, डीसीएनआरएलएम श्री करूणापति मिश्र, अधिषासी अभियन्ता जल निगम श्री फणीन्द्र राय, खण्ड विकास अधिकारीगण, स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारीगण सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।