हेल्थ डेस्क। दुनिया के कई देशों में इन दिनों एक घातक फंगस कैंडिडा ऑरिस फैल रहा है। यूएस के सेंटर्स फॉर डिजीट कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, 2009 में पहली बार सामने आया यह फंगस अब विश्वस्तर पर एक गंभीर खतरे के रूप में उभर आया है। इसे स्टेंडर्ड लेबोरेटरी मैथेड के जरिए पहचानना मुश्किल है। विशेष तकनीक के बिना इसे लैब में आइडेंटिफाइ नहीं किया जा सकता। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ सालों में यह फंगस यूएस, वेनेजुएला, स्पेन के साथ ही इंडिया, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका तक भी आ चुका है।
ब्लड के जरिए बॉडी में फैलता है
– इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ तरुण साहनी ने आईएएनएस को कहा कि इंडिया में हमने अभी तक इस फंगस को क्लिनिकल प्रैक्टिकस में नहीं पाया है।
– जिन मरीजों की इम्यूनिटी कमजोर है, उनमें इसके इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है। यह फंगस ब्लड के जरिए पूरी बॉडी में फैल जाता है।
– लोगों की बॉडी में अलग-अलग तरह के फंगस होते हैं। हमारे आसपास भी फंगस होते हैं। कैंडिडा ऑरिस भी एक फंगस है। जब यह ब्लड में शामिल होता है, तक अंदरुनी अंगों को प्रभावित करता है। कई मरीजों की यह जान ले चुका है।
पहचानना है मुश्किल
– इस इंफेक्शन से प्रभावित होने वाले मरीज अक्सर किसी दूसरी बीमारी के चलते बीमार होते हैं, ऐसे में इसे पहचानना और ज्यादा मुश्किल हो जाता है।
– जब इस तरह का नया इंफेक्शन पनपता है तो दवाइयां भी अपना असर दिखाना कम कर देती हैं। ऐसे में कई स्तरों पर सुरक्षा अपनानी पड़ती है।
– साहनी के मुताबिक, हॉस्पिटल में जहां लो इम्युनिटी वाले मरीज हैं, वहां खासतौर पर सावधानी बतरने की जरूरत है। जैसे मरीज के जख्म को साफ रखा जाए। मरीज को देखने के बाद अच्छे से हाथ साफ किए जाएं। एंटीसेप्टिक नियमित तौर पर दी जाए।
कैसे फैल रहा है
– यह फंगस हॉस्पिटल में मौजूद लोगों के हाथों, उपकरणों, दूसरे देशों से आ रहे यात्रियों, सामान आदि के जरिए घर और अस्पतालों में फैल रहा है।
– बुखार आना, दर्द होना, लगातार थकावट लगना आदि इसके संकेत हैं।
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