*रामजियावन गुप्ता*
—– कथा के दौरान उपस्थित सन्त समाज को माल्यार्पण और अंग वस्त्र भेंट कर किया गया सम्मानित
बीजपुर(सोनभद्र) पृथ्वी पर जब-जब असुरों का आतंक बढ़ा है तब-तब ईश्वर ने किसी न किसी रूप में अवतार लेकर असुरों का संहार किया है। जब धरा पर धर्म के स्थान पर अधर्म बढ़ने लगता है तब धर्म की स्थापना के लिए ईश्वर को आना पड़ता है। भगवान राम ने भी पृथ्वी लोक पर आकर धर्म की स्थापना की।यह कथन बीजपुर बाजार स्थित बेड़िया हनुमान मंदिर में नव दिवसीय चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन रामजन्म के सुंदर वर्णन के दौरान कथा वाचक राममोहन दास रामायणी ने व्यक्त किए उन्होंने कहा कि आज का व्यक्ति ईश्वर की सत्ता को मानने से भले ही इंकार कर दे लेकिन एक न एक दिन उसे ईश्वर की महत्ता को स्वीकार करना ही पड़ता है। संसार में जितने भी असुर उत्पन्न हुए सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और स्वयं भगवान बनने का ढोंग करने लगे, लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की एक झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व धरा से ही समाप्त हो गया। अधर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाले के आगे अधिक समय तक नहीं टिक सकता। श्रीराम कथा के दौरान कथा व्यास ने पंडाल में जब श्रीराम जन्म के प्रसंग की बात कही तो समूचे पंडाल में उपस्थित महिलाएं , पुरुष श्रोताजन खुशी से झूम उठे बधाई गीत पर श्रोताजनो ने जमकर ठुमके लगाए इससे पूर्व यजमान संजय अग्रवाल द्वारा आरती के बाद उपस्थित संत समाज को माला पहना कर सम्मान किया गया महंत सत्यदेव महाराज व कथा वाचक राममोहन दास रामायणी को कथा के दौरान यजमान द्वारा पगड़ी एवं अंगवस्त्र पहना कर सम्मानित किया गया।सम्मान से गदगद उपस्थित संत समाज ने समस्त ग्राम वासियो की प्रशंसा की।इस मौके पर राममोहन दास (रामायणी),जय राम दास जी महाराज,शिवानंद गिरी,संतोष गिरी,अवधेश दास, रामसेवक दास, विवेश्वर दास,आचार्य सुदर्शन दास, महन्थ मदन गोपाल दास ,बजरंगी मिश्रा, सांवरिया पंडित,संदीप दुबे,नर्वदेश्वर मिश्र, उपेंद्र प्रताप सिंह,यसवंत सिंह,अनिल त्रिपाठी,संजय यादव,बालगोविंद यादव,विकास मंगला,संदीप गुप्ता,रामजियावन गुप्ता,विनोद गुप्ता,रामप्रवेश गुप्ता,रघुराज सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष एवं बच्चे उपस्थित रहे।