न्यूज़ 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि मायावती की मजबूरी है, अगर उन्हें बचना है तो इधर-उधर करके वोट मांगती रहेंगी
लखनऊ।सपा-बसपा गठबंधन के जरिये यूपी में सियासी जमीन मजबूत करने में जुटीं बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा हमला बोला है. न्यूज़ 18 को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लगातार हार के बाद मायावती हताश हो गई हैं. मायावती अब डूबती हुई नैया हैं और बचने के लिए मुसलमानों का सहारा ढूंढ रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लगातार हार के बाद इसी तरह की बातें होती हैं. मायवती की मजबूरी है, अगर उन्हें कैसे भी बचना है तो इधर-उधर करके वोट मांगती रहेंगी.
‘★ कहां छिप गए सेक्युलर झंडा लेकर घूमने वाले’
न्यूज़ 18 को दिए गए खास इंटरव्यू में पीएम मोदी ने तथाकथित सेक्युलर लोगों पर खूब गुस्सा निकाला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मेरी चिंता देश में 24 घंटे सेक्युलर झंडा लेकर घूमने वालों से है. उनके मुंह पर ताला क्यों लग गया है? अगर ऐसी ही बात किसी ने हिंदू समाज के लिए बोल दी होती, तो न जाने देश में कितनी उठापटक हो जाती. कितने अवॉर्ड वापसी वाले निकल आते? कितने हस्ताक्षर अभियान शुरू हो जाते?’
पीएम मोदी ने सवाल किया कि अब ये जमात चुप क्यों है? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये जमात देश के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि ऐसी जमात को एक्सपोज करने की जरूरत है. ये जमात इस प्रकार की सलेक्टिव क्यों है? क्या इससे उनके सेक्युलरिज्म को कोई चोट नहीं पहुंचती? क्या ये उनके सेक्युलरिज्म को बढ़ावा देने वाली चीज थी? इसलिए सबसे बड़ा खतरा नकाबी लोगों का है.
★ मायावती ने मुसलमानों से की थी अपील
रविवार को सहारनपुर के देवबंद में सपा-बसपा और आरएलडी की गठबंधन रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला था. मायावती ने कहा था कि कांग्रेस मानकर चल रही है हम जीतें या न जीतें, गठबंधन नहीं जीतना चाहिए. मायावती ने रैली में कहा, मैं मुस्लिम समाज को कहना चाहती हूं कि अगर बीजेपी को हराना है तो भावनाओं में बहकर वोट को बांटना नहीं है।
चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान
बीएसपी अध्यक्ष मायावती के इस बयान से सियासी घमासान छिड़ गया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को सहारनपुर के डीएम से रिपोर्ट मांगी थी. इस रिपोर्ट के आधार पर ये देखा जाएगा कि मायावती का बयान कहीं आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं है? आपको बता दें कि आदर्श आचार संहिता के अनुसार, ‘जाति और धार्मिक आधार पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है ।