दुद्धी/सोनभद्र (भीम कुमार) दुद्धी ब्लाक के खोखा बालू साइड पर अवैध खनन बदस्तूर जारी है जिससे लोगो को आने जाने में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही वन्य जीवों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।खोखा बालू साइड जंगल के किनारे कनहर नदी के तट पर है जहाँ अवैध खनन व परिवहन के लिए मुफीद है जिसका फायदा अवैध खनन कर्त्ता जमकर फायदा उठा रहे है
इसी की आड़ में वन्य जीवों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व जिला महामंत्री व नगर पंचायत के सभासद धनंजय रावत ने कहा कि खोखा बालू साइड पर पोकलेन के माध्यम से बालू का खनन किया जा रहा है जिससे मजदूरों को काम भी नही मिल पा रहा है ।शुरू में जब खोखा बालू साइड पर काम शुरू हुआ तो लोगो में उम्मीद जगी थी थी कि चलो अब लोगो को काम मिलेगा और मजदूरी मिलेगी जिससे लोगो के पास आर्थिक स्थिति मजबूत होगी लेकिन यह सपना ,सपना ही रह गया और आज तक अपना नही हो सका।कई बार क्षेत्रीय विधायक हरिराम चेरो जी के द्वारा आवाज उठाने पर भी उनकी आवाज को दबा दिया गया और सपना चूर चूर हो गया। दुद्धी से दिल्ली तक क्षेत्रीय विधायक ने पत्राचार किया लेकिन ढाक के तीन पात वाली कहानी चरितार्थ हुई।लोगो को बताने की जरूरत है कि खनन माफियाओं के द्वारा गाँव वालों को धमकी दी जाती हैं कि कही मुँह खोलोगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा ।सवाल यह उठता है कि क्या किसी सरकार में खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलन्द रहते है कि वे किसी की नही सुनते या खनन माफिया नोटों की गड्डी से किसी भी अधिकारी का मुँह बन्द कर देते है । अगर किसी भी माफिया का गाँव वाले पूर्ण रूप से विरोध करे तो क्या हो सकता है? ऐसे माफियाओं को भागना पड़ सकता है चाहे वह किसी की सरकार हो। खनन माफिया इस फिराक में न रहे कि गाँव वाले सीधे सादे है तो कुछ नहीं कर सकते ,यह भ्रम अपने दिमाग से निकाल दें। धनंजय रावत ने कहा कि इस खनन कार्य मे वन विभाग के रेंजर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन दुद्धी रेंजर प्रत्येक महीने मोटी रकम लेकर मामले को रफा दफा कर देता है और यदि कोई ट्रैक्टर वाला कही से बालू ,शौचालय आदि के निर्माण के लिए ले जा रहा है तो उसको पकड़ कर अन्दर कर दिया जाता हैं और उससे 70 हजार रुपये वसूल किये जाते है जो किसी भी दशा में उचित नही है ,ऐसे अधिकारी को ऐसे जगहों से हटाया जाना चाहिए। राज्य वन्य जीव बोर्ड उत्तर प्रदेश सरकार के सदस्य श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि जंगली जीव जंतुओं और जलीय जीवो को इससे नुकसान पहुंच रहा है ,यदि इस पर रोक नहीं लगाया गया तो पर्यावरण को ज्यादा नुकसान होगा जो किसी भी दशा में क्षम्य नही है।